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भारत के मुकाबले बेहद छोटा लेकिन आतंकियों के लिए यमलोक से कम नहीं है यह देश, शत्रुओं के ऐसे उड़ाता है चिथड़े

कई मुस्लिम प्रधान देशों से घिरे रहने के बावजूद वहां आतंकी जाने से खौफ खाते हैं।

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Arijita Sen

Feb 16, 2019

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भारत के मुकाबले बेहद छोटा लेकिन आतंकियों के लिए यमलोक से कम नहीं है यह देश, शत्रुओं के ऐसे उड़ाता है चिथड़े

नई दिल्ली। आज आतंकवाद के जिस नासूर से भारत गुजर रहा है वह वाकई में बेहद दर्दनाक है। पूरा देश इस वक्त आक्रोश में है और ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब देश में किसी आतंकी हमले को अंजाम दिया गया बल्कि इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।

अकसर आतंकवादी संगठन भारत को निशाना बनाते हैं और यहां दहशत का माहौल पैदा करते हैं। जबकि विश्व मानचित्र में एक ऐसा भी देश है जो कई मुस्लिम प्रधान देशों से घिरे रहने के बावजूद वहां आतंकी जाने से खौफ खाते हैं। एक छोटा सा देश जिसकी जनसंख्या महज 80 लाख के आसपास है उससे 56 मुस्लिम देश डरते हैं।

हम यहां इजराइल की बात कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि चारों तरफ से दुश्मनों से घिरे रहने के बावजूद किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि वह इजराइल की तरफ आंख उठाकर देखें।

इजरायल में प्राकृतिक संसाधनों की भी बहुत कमी है, लेकिन फिर भी यह देश किसी मिसाल से कम नहीं है।

दुश्मनों को जवाब देने में इजराइल चीन,अमरीका और रूस से भी आगे है। यहां की वायुसेना दुनिया में चौथे नंबर पर है। पल भर में अपने शत्रुओं के चिथड़े उड़ा देने में इजराइल का कोई जवाब नही!

'मोसाद' की वजह से भी यहां आतंकवादी अपना पैर जमाने से डरते हैं। यह एक खुफिया एजेंसी है जिसका जन्म ही आतंकवाद के नाश के लिए किया गया। इसे दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी के तौर पर जाना जाता है इस वजह से इजराइल के खिलाफ साजिश रचने से पहले आतंकी दस बार सोचते हैं।

अब आप इस घटना को ही देख लें, साल 1972 में जर्मनी के म्यूनिख ओलंपिक में फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजराइल के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद ये सारे जिहादी तत्व किसी मुस्लिम देश में जा छुपे थे। इजराइल की मोसाद के 30 जवान उस मुस्लिम देश में घुसकर उन सैकड़ों जिहादियों को मार गिराया। इसमें मोसाद का सिर्फ एक जवान शहीद हुआ था। इस एक घटना से आप समझ सकते हैं कि उनमें हिम्मत किस कदर कूट कूटकर भरी हुई है।

यहां की तीसरी सबसे बड़ी खासियत यह है कि देश का हर एक नागरिक फौजी है। हर घर सेना का है। न केवल पुरूष बल्कि महिलाएं भी इस काम में अपना सहयोग प्रदान करती हैं। यहां लोगों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें खतरनाक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि किसी भी परिस्थिति में वे कमजोर न पड़े और हिम्मत व सूझबूझ से अपनी रक्षा कर सके।

इजराइल के पास अपना खुद का सैटेलाइट सिस्टम है जिसे वह किसी और के साथ शेयर नहीं करता है। इसकी मदद से वह ड्रोन चलाता है। इजराइल काफी हद तक आत्मनिर्भर भी है क्योंकि अपनी जरूरत का खाद्य सामग्री यह खुद अपने यहां ही पैदा करता है। उसे किसी और की जरूरत ही नहीं पड़ती है। कुल 93 प्रतिशत खाद्य पदार्थ की उपज यहां होती है।