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वैज्ञानिकों का दावा, भविष्य में फैक्ट्री में पैदा होंगे बच्चे!

लैब में बच्चा पैदा करने का दावा एक्टोलाइफ नामक कंपनी ने किया है। एक्टोलाइफ के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 75 लैब बनाए गए हैं। हर लैब में बच्चों को पैदा करने के लिए 400 'बेबी पॉड' लगाए गए हैं, जिससे बच्चेदानी के बिना बच्चा पैदा किया जा सकता है।

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Archana Keshri

Dec 17, 2022

The World’s First ‘Artificial Womb Facility’ Gives a Sneak Peek at Pregnancy in the Future

The World’s First ‘Artificial Womb Facility’ Gives a Sneak Peek at Pregnancy in the Future

अब तक माँ के बिना धरती पर किसी को जीवन मिलना असंभव माना जाता है। चाहे वह खुद की माँ हो या सेरोगेसी लेकिन माँ के बिना जन्म असंभव सा है। ऐसे में कोई आपसे कहे की अब बिना माँ की कोख के ही बच्चों का जन्म होगा। विज्ञान के क्षेत्र में यह नई खोज काफी चौंकाने वाली है। इस खोज से जो महिलाएं इन्‍फर्टिलिटी की समस्‍या से जूझ रही हैं या जिनका यूट्रस (बच्चेदानी) कैंसर या किसी दूसरी कॉम्‍प्‍लीकेशंस की वजह से निकलवाना पड़ा है, उनके लिए भी एक खुशखबरी है।


फिल्मों में देखा गया था नजार, जो अब होगा सच

अब तक आपने फिल्मों में ही देखा होगा जहां इंसान को फैक्ट्री में पैदा किया जा रहा है। यह नजारा आपने 1999 में बनी हॉलीवुड फिल्म 'मैट्रिक्स' में देखा होगा, जहां एक फैक्ट्री में इंसान पैदा किए जा रहे हैं। इस फिल्म ने दुनिया भर के लोगों को हैरान किया था। मगर अब सच में एक ऐसी कंपनी ने दावा किया है कि वह हर साल 30 हजार 'हाई क्वालिटी' बच्चे पैदा करेगी।


बच्चे के रंग और रूप को बदला जा सकेगा

इस कंपनी का नाम एक्टोलाइफ (EctoLife) है। एक्टोलाइफ नामक कंपनी उन सभी महिला-पुरुषों की मदद का दावा कर रही है, जिनके किसी भी कारण से बच्चे पैदा नहीं हो पा रहे हैं। एक्टोलाइफ के वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि माता-पिता चाहें तो बच्चे के जीन में बदलाव भी करा सकते हैं। बच्चे की 'कोई भी खासियत' जैसे बालों का रंग, आंखों का रंग, ऊंचाई, बुद्धि और त्वचा के रंग को आनुवंशिक रूप से 300 से अधिक जीनों के माध्यम से बदला जा सकता है।


दुनिया की पहली आर्टिफिशियल बच्चा पैदा करने वाली कंपनी

जर्मनी की राजधानी बर्लिन के रहने वाले एक्टोलाइफ के साइंटिस्ट और इस पूरे कॉन्सेप्ट की शुरुआत करने वाले हासिम अल गायली ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे आर्टिफिशियल गर्भाशय के जरिए बच्चों को जन्म दिया जाएगा। हासिम अल गायली पेशे से एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्यूनिकेटर हैं। उन्होंने कहा- 'एक्टोलाइफ' दुनिया की पहली आर्टिफिशियल बच्चा पैदा करने वाली कंपनी बनेगी।


माँ की कोख की तरह काम करेगा बेबी पॉड

एक्टोलाइफ कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि शुरुआत में इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 75 लैब बनाए गए हैं। हर लैब में बच्चों को पैदा करने के लिए 400 'बेबी पॉड' लगाए गए हैं। इससे मशीन के जरिए 30,000 बच्चे पैदा होंगे। ये बेबी पॉड एक मशीन है जिसे महिला के गर्भ की तरह डिजाइन किया गया है। जिस तरह मां के गर्भ में भ्रूण के लिए एक निश्चित तापमान और वातावरण होता है। बेबी पॉड भी उसी तरह से बच्‍चे को पलने और बढ़ने में मददगार होगा।


कैसे पैदा होगा बच्चा?

बच्चे को जन्म देने के लिए सबसे पहले मशीन में पुरुष के स्पर्म और किसी महिला के एग को मिलाया जाएगा। इसके बाद ही मशीन माँ की कोख की तरह अपना काम करना शुरू कर देगी। जिस तरह एक महिला के गर्भ में फ्लूइड होता है, उसी तरह आर्टिफिशियल गर्भ में भी 'एम्‍निओटिक फ्लूइड' डाला जाएगा। गर्भ की ही तरह इसमें भी एक प्लेसेंटा या नाल जुडी होगी जोकि बच्चे तक पोषक तत्त्व पहुंचाएगी। 9 महीने बाद इस फ्लूइड को निकालने के बाद नवजात को भी मशीन से बाहर निकाला जा सकेगा।


ऐप के जरिए बच्चे के विकास पर रखी जाएगी नजर

इस मशीन में पलने वाले बच्चे पर मॉनिटर के जरिए नजर रखी जाएगी। जिसके जरिए बच्चे की धड़कन, विकास, बॉडी टेंपरेचर, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, ब्रीदिंग रेट, दिल, दिमाग, बाकी शरीर के अंग और गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। मशीन के अंदर मॉर्डन सेंसर लगाए गए हैं, जिसे एक ऐप से कनेक्ट किया गया है। इस ऐप के जरिए इन सभी चीजों पर नजर रखा जा सकेगा।


घर पर भी बेबी पॉड ला सकेंगे माँ-पिता

एक्टोलाइफ कंपनी के मुताबिक अगर किसी दंपती के पास इतना समय नहीं है कि वह लैब आकर पॉड में विकसित हो रहे अपने बच्चे को देख सकें, तो वो 'बेबी पॉड' अपने घर भी ले जा सकेंगे। हर पॉड के साथ बैटरी लगी होती है, जिसे सावधानी से उठाकर अपने बेडरूम में भी ले जाया जा सकता है।

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