वन अधिकारी के मतुबाकि, जंगली जानवर का शिकार करने के बाद ये बाघ नदी में कूदकर आरान करने के लिए आया था। जहां इन चट्टानों के बीच उसे चोट लग गई। अधिकारी के मुताबिक, बाघ को बुधवार को यहां से करीब 27 किमी दूर स्थित कुनाड़ा गांव के पास सिरसा नदी में चट्टानों के बीच फंसा पाया गया था। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि 35 फीट ऊंचे पुल से कूदने के कारण बाघ की रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई।
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उन्होंने बताया कि बाघ को बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन बाघ पास रखे पिंजरे में नहीं घुस पाया। पिंजरे को खींचने के प्रयास में बाघ के दातों में भी चोट आई। वहीं चंद्रपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक एस वी रामाराव ने बताया कि गुरुवार को बाघ मृत पाया गया। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कुछ वनकर्मियों को तैनात किया गया था। लेकिन बाघ ने सुबह तक कोई गतिविधि नहीं की। वहीं शव को पानी से बाहर निकाला गया। मौत का सही कारण शव परीक्षण के बाद सामने आएगा।