
Jharkhand water holi
नई दिल्ली। हमारे देश में हर पर्व का अपना अलग महत्व और पर्व को मनाने का अलग-अलग तरीका व परंपरा होती है। अगर बात करें रंगों के पर्व होली की तो उसका अपना अलग महत्व है। होली का लोगों को वर्ष भर इंतज़ार रहता है इस पर्व में लोग एक-दूसरे को रंग लगा कर खुशियां मनाते हैं। पर आज हम बाताने जा रहे हैं ऐसे इलाके की होली के विषय में जहां रंगों से होली खेलना मना है। ऐसा एक पुरानी परंपरा की वजह से है, और यहां के लोग लंबे समय से इस परंपरा का पालन कर रहे हैं। यह इलाका है झारखंड के जमशेदपुर जिले का। आपको बतादें यहां बड़ी संख्या में आदिवासियों का निवास स्थान है। और यहां के आदिवासी अंचल में होली से कई दिन पहले ही होली की शुरुआत हो जाती है, पर यह सुन कर हैरानी होगी कि यहां जो होली का पर्व मनाया जाता है उसमें रंग नहीं खेला जाता है। यहां के लोग रंगों की बजाए पानी से होली खेलते हैं।
यहां के आदिवासी इलाके के लोगों का ऐसा मानना है कि अगर कोई लड़का या लड़की रंग की होली खेलता है अथवा इनमें से कोई भी एक-दूसरे पर रंग डालता है तो उन्हें पुरानी परंपरा का पालन करते हुए आपस में शादी करना अनिवार्य हो जाता है। यहां रंग नहीं खेलने की मुख्य वजह यही है। यहां के आदिवासी समुदाय में यह रिवाज वर्षों से चला आ रहा है।
हालांकि यहां होली पर जम कर मस्ती होती है होली का त्योहार जब पूरे शबाब पर होता है तो लोग ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर नाचते-गाते हैं इनके साथ लड़के-लड़की भी होते हैं, लेकिन ये एक दूसरे पर रंग की बजाय पानी डालते हैं। यहां के आदिवासी होली से कुछ दिन पहले ही होली खेलना शुरू कर देते हैं। यहां दिन में भर नहीं बल्कि रात में भी एक-दूसरे पर पानी डालकर होली खेलते हैं। होली पर ये आदिवासी अपनी पारंपरिक ड्रेस पहनते हैं। यहां के आदिवासी महिला-पुरुष होली की खुशी में सराबोर नजर आते हैं।
Published on:
16 Feb 2021 07:23 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
