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Ghost Detector की मदद से आप भी कर सकते हैं आत्माओं से बात, जानें कैसे करता है काम?

Published: Jul 26, 2020 07:21:30 pm

Submitted by:

Vivhav Shukla

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput death) के बाद पैरानॉर्मल एक्सपर्ट स्टीव हफ (paranormal expert Steve Huff) ने उनकी आत्मा से बात करने का दावा किया किया है।
पैरानॉर्मल (paranormal expert) शोध करने वाले स्टीव हफ(Steve Huff) ने आत्मा से बात करने के लिए एक मशीन भी बनाई है जिसका नाम घोस्ट डिटेक्टर है।

With the help of Ghost Detector you can also talk to spirits

With the help of Ghost Detector you can also talk to spirits

नई दिल्ली। सनानत धर्म में माना जाता है कि कि मृत्यु के बाद आत्मा शरीर छोड़कर अपने नियत स्थान की ओर प्रस्थान कर जाती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि मरने वाले इंसान की कोई विशिष्ट इच्छा अधूरी रह जाती और ऐसे में उसकी आत्मा शरीर त्यागने के बाद भी इसी इंसानी दुनिया में भटकती रहती है। हाल ही बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput death) के बाद पैरानॉर्मल एक्सपर्ट स्टीव हफ (paranormal expert Steve Huff) ने उनकी आत्मा से बात करने का दावा किया किया है। पैरानॉर्मल (paranormal expert) शोध करने वाले स्टीव हफ(Steve Huff) ने आत्मा से बात करने के लिए एक मशीन भी बनाई है जिसका नाम घोस्ट डिटेक्टर है।

क्या होता है घोस्ट डिटेक्टर(Ghost Detector)?

घोस्ट डिटेक्टर (Ghost Detector) बनाने के लिए कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। भूतों से बात करने के लिए EVP (electronic voice phenomenon) सेशन किया जाता है। इसके साथ ही पैरानॉर्मल चीजें इन्वेस्टिगेट करने वाले एक खास तरह का रिकॉर्डर भी बनाते हैं। जिसमें भुतहा जगहों पर इसे ऑन करके सवाल करने पर अक्सर जवाब रिकॉर्ड हुए हैं, इसमें नाम बताना, चीख, रोना, सुबकना, गालियां देना, दरवाजा खटखटाना, जैसी कई अन्य तरह की आवाजें भी सुनाई देती है।

रिकॉर्डर (Recorder) के अलावा घोस्ट हंटर्स (Ghost hunters) कैमरे का इस्तेमाल भी करते हैं लेकिन ये कैमरा पूरा तरह से नाइट विजन (Night vision) होता है। इसमें एक खास तरह की इसमें इंफ्रारेड लाइटिंग लगी होती है। जिनमें अजीबोगरीब शैडो यानी छायाएं भागती या कोई इशारा करती दिख जाती हैं। इंफ्रारेड की मदद से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (Electromagnetic radiation) को कैप्चर करता है। वैसे ये रेडिएशन हर उस जगह पर मौजूद होते हैं जहां जहां मोबाइल टावर हो, wifi राउटर हो या जहां बिजली के तार हों लेकिन यहां इनकी फ्रीक्वेंसी स्थिर होती है। वहीं जहां आत्मा मौजूद होती है वहां फ्रीक्वेंसी तेजी से बदलती रहती है।

इसके साथ घोस्ट डिटेक्टर (Ghost detector) में तापमान मापने का यंत्र भी लगा होता है। जानकारों के मुताबिक हॉन्टेड जगहों पर अक्सर तापमान में बड़ा बदलाव होता रहता है। थर्मामीटर के अलावा घोस्ट डिटेक्टर में थर्मल रेडिएशन मापने का यंत्र भी लगा होता है।इन्वेस्टिगेटर्स की धारणा है कि आत्माओं में एनर्जी सोखने की टेंडेंसी होती है. वे इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रकिल दोनों ही जरियों से एनर्जी लेते हैं। ऐसे में मोबाइल और कैमरे की बैटरी सबसे पहले लो हो जाती है।

43 % से ज्यादा अमेरिकी को है आत्मा पर भरोषा

भारत में आत्मा के बारे में बात करना आम बात है लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अमेरिकी लोग भी भूत-प्रेत में भरोषा रखते हैं। साल 2013 में अमेरिका में हुई स्टडी की बताती है कि 43 प्रतिशत से ज्यादा अमेरिकी जो खासे पढ़े-लिखे हैं, भूतों और आत्माओं को मानते हैं। यहां के लोग इसे भी विज्ञान मानते हैं। यहां तक की कई वैज्ञानिक इसके लिए अलग से रिसर्च भी करते हैं।

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