
नाममात्र के लिए एक नया तालुक, कार्यालय की दरकार
होन्नाली को विभाजित कर न्यामती बना था तालुक : पांच साल बाद भी लोगों की आकांक्षाएं अधूरी
दावणगेरे. न्यामती को होन्नाली से अलग कर एक नए तालुक के रूप में गठित किया गया है। न्यामती को तालुक बने पांच वर्ष पूरे हुए परन्तु राजस्व विभाग और कोषालय विभाग के अलावा अन्य विभागों के कार्यालय शुरू नहीं हो पाने से लोगों की आकांक्षाएं अधूरी रह गई हैं।
जनता के संघर्ष एवं विधायक एम.पी. रेणुकाचार्य के दबाव के चलते वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने न्यामती सहित 43 शहरों को तालुक केंद्र घोषित किया गया था। वर्ष 2017 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने 10 तालुक जोड़े और कुल 53 तालुकों की घोषणा की थी।दार्शनिकों, राष्ट्रीय नेताओं और संतों की जयंती, राष्ट्रीय पर्व मनाए जा रहे हैं। विभिन्न सामुदायिक संगठन, सरकारी कर्मचारी तालुक संघ, कन्नड़ साहित्य परिषद की तालुक इकाइयां भी अलग से काम कर रही हैं। न्यामती तालुक संघर्ष समिति के सदस्यों ने खेद व्यक्त किया है कि तालुक के व्यापक विकास के लिए अनुदान भी नियमित रूप से जारी किया जा रहा है परन्तु सभी सरकारी विभागों के कार्यालय कार्य कर सके इसके लिए क्षमता (सामर्थ्य) सौधा निर्माण के लिए कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।
32 की जगह सिर्फ 2 कार्यालय
न्यामती में प्रभारी तहसीलदार नियुक्त कर विधायक डी. जी. शांतनगौड़ा की की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में मंत्री कागोडु तिम्मप्पा ने नए तालुक का उद्घाटन किया था। पांच साल बाद भी अलग से कोर्ट नहीं है। कुल 32 कार्यालयों में से केवल दो कार्यालय हैं। लोग कृषि भूमि, भूखंड एवं अन्य अचल संपत्ति पंजीकरण, वन, शिक्षा, जल संसाधन विभाग सहित विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए होन्नाली पर ही निर्भर रह गए हैं।
उद्देश्य सार्थक होगा
तालुक केंद्र के लिए संघर्ष किया गया है। जनहित के लिए सरकारी कार्यालयों को प्रारंभ करने पर तालुक केन्द्र बनाने का उद्देश्य सार्थक होगा।
-डी.बी. गंगप्पा, अध्यक्ष, तालुक संघर्ष समिति
परेशानी हो रही है
न्यामती तालुक केंद्र में सरकारी कार्यालय शुरू नहीं होने से परेशानी हो रही है। सरकार को कार्यालयों को जल्द शुरू करने की कार्रवाई करनी चाहिए।
-डी.जी. शांतनगौड़ा, पूर्व विधायक
Published on:
05 Mar 2023 11:36 am
बड़ी खबरें
View Allहुबली
कर्नाटक
ट्रेंडिंग
