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महात्मा गांधी के सिद्धांतों को करें आत्मसात

महात्मा गांधी के सिद्धांतों को करें आत्मसात-न्यायाधीश देवेंद्रप्पा बिरादार ने किया आह्वानहुब्बल्ली

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महात्मा गांधी के सिद्धांतों को करें आत्मसात,महात्मा गांधी के सिद्धांतों को करें आत्मसात

हुब्बल्ली
प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश देवेंद्रप्पा एन. बिरादार ने कहा है कि महात्मा गांधी की शिक्षा, सिद्धांतों व मूल्यों को हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
न्यायाधीश बिरादार, तालुक विधि सेवा समिति, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम, अभियोजन, सूचना एवं सार्वजनिक संपर्क, पुलिस विभाग तथा अधिवक्ता संघ की ओर से आयोजित महात्मा गांधी जयंती तथा वरिष्ठ नागरिक दिवस के उपलक्ष्य में कानूनी मदद व जानकारी कार्यक्रम व नए न्यायालय भवन के प्रथम मंजिल स्थित सभा भवन का उद्घाटन कर बोल रहे थे।

महात्मा गांधी का जीवन हमारे लिए आदर्श

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य, अहिंसा, आत्मनिर्भरता, सरल जीवन, आत्म अनुशासन, परधर्म सहिष्णुता समेत अन्य नैतिक मूल्यों की वकालत की। इन मूल्यों को खुद आत्मसात कर जीवन बिताया, उनका जीवन हमारे लिए आदर्श है। इन बिंदुओं के समाज के सभी आत्मसात करेंगे तो सुखी समाज निर्माण होगा।

स्वच्छता को प्राथमिकता दें

न्यायाधीश बिरादार ने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में हमें स्वच्छता को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमारे घर तथा आसपास के माहौल को साफ-सुथरा रखना चाहिए। स्वच्छता के कार्य को हीन समझने की सोच बदलनी चाहिए। खुद को इन कार्यों को करना चाहिए। गांधीजी के अहिंसा तथा सहिष्णुता के गुण को आत्मसात करने पर समाज में होने वाले अपराध कम होंगे। इससे गांधी के आदर्श समाज का सपना साकार होगा।

भारत धर्मनिरपेक्ष देश

अतिरिक्त एवं सत्र न्यायालय के पंचम न्यायाधीश गंगाधर केएन ने कहा कि आजादी के बाद विविधता में एकता तथा धर्म निरपेक्षता के सिध्दांतों को अपना कर भारत सहित विश्व के अनेक देश अचंभित हो ऐसा विकास किया है। महात्मा गांधी भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाना चाहते थे। आजाद भारत इसी सोच के आधार पर विकसित हुआ है। धार्मिक सहिष्णुता तथा एकजुटता में विश्वास रखकर भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान से अधिक विकास किया है।

ग्रामीण जनता का जीवन स्वावलंबी बने

उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी के मूल विचार तथा सिध्दांतों को छिपाया जा रहा है। हर एक को गांधीजी के जीवन के बारे में पढ़ कर समझना चाहिए। पूर्वाग्रहपीडि़त विचारों से महात्मा गांधी के विचारों को तोड़-मरोडऩे वाले मूर्ख तथा दुष्ट व्यक्तियों से अंतर बनाए रखना चाहिए। महात्मा गांधी ग्रामीण जनता का जीवन स्वावलंबी बनाना चाहते थे। ऐसे गांवों के निर्माण के लिए हम सबको आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता एनवी हेगडे, ए.ए. कालेबुड्डे, विमला हुब्बल्ली, राजेश्वरी गुंडमी तथा न्यायालय कर्मचारी चौडकी का सम्मान किया गया।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अशोक बलिगार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में न्यायाधीश रविंद्र पल्लेद, तालुक विधि सेवा समिति के सदस्य सचिव महेश एस पाटील, क्षेत्रीय कार्यालय संख्या 5 के सहायत आयुक्त तथा महानगर निगम सार्वजनिक संपर्क अधिकारी एससी बेवूर, अधिवक्ता संघ के महासचिव जीएफ हिरेमठ समेत अनेक वरिष्ठ व कनिष्ठ न्यायाधीश उपस्थित थे।

पुराने अदालत परिसर में स्वच्छता कार्य

कार्यक्रम से पूर्व पुराने न्यायालय परिसर में न्यायाधीशों व अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने स्वच्छता कार्य किया। स्वच्छता कार्य के जरिए लोगों में सफाई का महत्व प्रतिपादित किया गया।