1923 में हुई थी शुरू मैसूर के राजा नलवाडी कृष्णराज वोडेयार और दीवान सर एम. विश्वेश्वरय्या, मिर्जा इस्माइल की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप भद्रावती नगर के भद्रा नदी के तट पर 1923 में वीआईएसएल फैक्ट्री की शुरुआत हुई थी। यह अपने उत्कृष्ट इस्पात और लौह निर्माण के लिए प्रसिद्ध थी। कारखाने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ था। भद्रावती नगर अर्थव्यवस्था की जीवनधारा बना हुआ था।
कर्नाटक सरकार के अधीन स्थित वीआईएसएल को 1989 में केंद्र सरकार को सौंपा गया था। बाद में स्टील अथॉरिटी में वीआईएसएल को शामिल किया गया था परन्तु नुकसान की वजह से, खुद की खदान नहीं होने समेत विभिन्न विभिन्न कारणों से स्टील अथॉरिटी ने फैक्ट्री बंद करने का फैसला लिया था। निजीकरण की प्रक्रिया भी हुई थी।
मजदूरों ने फैक्ट्री बंद करने के फैसले का विरोध कर प्रदर्शन किया था। वहीं दूसरी ओर सांसद बी.वाई.राघवेंद्र ने फैक्ट्री शुरू करने के लिए कार्रवाई करने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। इन सबके परिणामस्वरूप बंद पड़ी फैक्ट्री अब दोबारा शुरू हुआ है।