23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हुबली

हाईटेक बना चिटगुप्पी अस्पताल, किसी निजी अस्पताल से कम नहीं

आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में हर कहीं गंदगी, मूलभूत सुविधाओं की कमी, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों की कमी रहती है। सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे चलते हैं। ऐसे में हाईटेक अस्पताल के बारे में कोई सोचेगा तक नहीं। ऐसे में शहर के महानगर निगम परिसर स्थित चिटगुप्पी अस्पताल सरकारी अस्पतालों के बारे में लोगों की सोच को बदल देगा।

Google source verification

जच्चा-बच्चा के लिए पिंक कॉरिडोर
हुब्बल्ली. आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में हर कहीं गंदगी, मूलभूत सुविधाओं की कमी, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों की कमी रहती है। सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे चलते हैं। ऐसे में हाईटेक अस्पताल के बारे में कोई सोचेगा तक नहीं। ऐसे में शहर के महानगर निगम परिसर स्थित चिटगुप्पी अस्पताल सरकारी अस्पतालों के बारे में लोगों की सोच को बदल देगा।

हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम का चिटगुप्पी अस्पताल किसी निजी अस्पताल से कम नहीं हैं। अस्पताल में साफ-सफाई, विभिन्न वार्ड, सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह अस्पताल निजी अस्पतालों को भी मात दे रहा है। यह नि:शुल्क इलाज के साथ मरीज को दवाई, भोजन सब मुफ्त दिया जा रहा है। अस्पताल के बारे में राजस्थान पत्रिका को जानकारी देते हुए हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीधर दंडप्पनवर ने कहा कि हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के अधिकार क्षेत्र में छह अस्पताल आते हैं। इनमें तोरवी गली, मैदार ओणी तथा चिटगुप्पी अस्पताल को स्मार्ट सिटी योजना के तहत उन्नयन किया गया है। महानगर निगम के सभी अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सक, चिकित्सा सहायक समेत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा वार्ड का उन्नयन किया गया है। सीटीजी मशीन लगाई गई है। तीन नए अपग्रेडेड लेबर मशीन मंगवाए गए हैं। चिटगुप्पी अस्पताल में तीन साल में एक भी जच्चा-बच्चा की मृत्यु नहीं हुई है। चिटगुप्पी अस्पताल में हाईपर टेंशन डायलिसिस इकाई शुरू की गई है। मूरुसाविरमठ की ओर से हाईपर टेंशन डायलिसिस के मरीजों के लिए पांच हजार पुस्तकें दी गई हैं। हाईपर टेंशन डायलिसिस इकाई में मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। सामान्य बार्ड का उन्नयन किया गया है।

सभी सुविधाएं हैं

उन्होंने कहा कि तोरवी गली में स्मार्ट सिटी के तहत नया अस्पताल का निर्माण किया गया है। स्मार्ट सिटी की ओर से महानगर निगम को हस्तांतरित होने के बाद सेवा शुरू की जाएगी। तोरवी गली गली अस्पताल में चिकित्सक, चिकित्सा कर्मचारी समेत सभी सुविधाएं हैं। दो एएनएम की जरूरत है।

डायलिसिस केंद्र शुरू होगा

मैदार ओणी में स्मार्ट सिटी के तहत दो मंजिला अस्पताल का निर्माण किया गया है। यह पूरी तरह सुसज्जित अस्पताल है। अस्पताल में 8 बेड का डायलिसिस केंद्र शुरू करने का उद्देश्य है। इसके साथ आरओ प्लांट भी बनाया जाएगा। एक साल में दोनों बनकर तैयार हो जाएंगे। अस्पताल में प्रति दिन ओपीडी में 250 से अधिक मरीज आते हैं। प्रति माह सौ से अधिक प्रसव होते हैं। 180 से अधिक ऑपरेशन होते हैं। यहां लेप्रोस्कोपी केंद्र शुरू किया गया है। पिछले दो माह में लेप्रोस्कोपी के 15 से अधिक गंभीर शल्य चिकित्सा किए गए हैं।

सौ से ज्यादा सामान्य शल्य चिकित्सा की गई है। लेप्रोस्कोपी शल्य चिकित्सा के लिए निजी अस्पतालों में दो लाख रुपए से ज्यादा खर्च होते हैं परन्तु चिटगुप्पी अस्पताल में गरीबों के लिए नि:शुल्क शल्य चिकित्सा की गई है। बीपीएल कार्डधारकों से 23 मई से शुल्क लेना बंद किया है।

केएलई के 16 चिकित्सक

डॉ. श्रीधर ने कहा कि केएलई मेडिकल कॉलेज के 16 चिकित्सक चिटगुप्पी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। इस चिकित्सकों को चिटगुप्पी अस्पताल में शल्य चिकित्सा आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आगामी दिनों में केएलई चिकित्सा कॉलेज के साथ समझौता करने का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नि:शुल्क आर्थोस्कोपी, इमरजेंसी मेडिसिन, ईएनटी, डेंटल, नेत्र चिकित्सा आदि शुरू किया है। डॉ. श्रीधर ने कहा कि स्मार्ट की सिटी ओर से चिटगुप्पी अस्पताल के नए भवन के हस्तांतरण के बाद जच्चा-बच्चा के लिए पिंक कॉरिडोर बनाया जाएगा। गरीबों के लिए सूट रूम भी बनाया जाएगा। 100 बेड के अस्पताल के तौर पर उन्नयन किया जाएगा। सीएसआर अनुदान में एमआरआई, सिटी स्कैन लाने की योजना है। उन्होंने कहा कि चिटगुप्पी अस्पताल में हाईटेक लैब है। फिलहाल अस्पताल में सप्ताह में दो दिन स्कैनिंग किया जा रहा है। धारवाड़ स्थित महानगर निगम के जच्चा-बच्चा अस्पताल को रोटरी क्लब के साथ अनुबंध किया गया है। रोटरी क्लब के राजन देशपांडे इसका संचालन कर रहे हैं।

तालुक अस्पताल बनाया जाएगा

पुरानी हुब्बल्ली अस्पताल भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसे तालुक अस्पताल बनाया जाएगा। गणेशपेट अस्पताल का उन्नयन किया जाएगा। हुब्बल्ली के सोनिया गांधी नगर, एसएम कृष्णा नगर और धारवाड़ के मालमड्डी में अस्पताल शुरू किया है। सभी अस्पतालों में चिकित्सक, चिकित्सा सहायक समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध की गई हैं। डी श्रेणी कर्मचारियों की जरूरत है।