
कोरोना ने छीना सिर से माता-पिता का साया
हुब्बल्ली
कोविड-19 ने बहुत सारे परिवारों को संकट में ढकेला है। कोविड से जिले के तीन बच्चों ने माता-पिता को खोया है वहीं 134 बच्चों के लिए एकल अभिभावक ही सहारा बने हैं।
अभिभावक को खोने से बच्चे बचपन में ही संकट में आ गए हैं। कुछ बच्चे पिता या फिर मां के साथ रह रहे हैं तो और कुछ बच्चों ने एकल अभिभावकों के साथ रिश्तेदारों के घर में पनाह ली है। हुब्बल्ली ग्रामीण तथा नवलगुंद तालुक में माता-पिता को खो चुके तीन बच्चे अपने रिश्तेदारों के घर में रह रहे हैं।
परिवार के कमाने वाले ही हाथ नहीं होने से आर्थिक संकट पेश आया है। घर से एक बार भी बाहर नहीं गए परिवार के सदस्यों को अब मजबूरी में सब कुछ निभाने की जिम्मेदारी कंधों पर पड़ी है।
भगवान ने बहुत दु:ख दिया
धारवाड़ जिले के चिक्कगुंजल गांव स्थित एक परिवार के तीन भाईयों की कोविड से मृत्यु हुई है। खेती करने के लिए दो माह पूर्व ही ट्रैक्टर खरीदा था। अब खेती करने वाले कोई नहीं होने से वापस शोरूम को लौटाया है। भगवान ने बहुत दु:ख दिया है। बीपीएल राशनकार्ड धारक परिवारों को सरकार ने एक लाख रुपए का मुआवजे की घोषणा की है जिससे थोड़ी राहत मिली है।
-बसनगौड़ा पाटील, परिजन
प्रायोजकता योजना से मिलेगी आर्थिक मदद
माता-पिता दोनों को खो चुके बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी सरकार ही उठाएगी। एकल अभिभावक हुए बच्चों के लिए भी छात्रावासों में रहने की व्यवस्था, शिक्षा प्राप्त करने का मौका दिया जा रहा है। प्रायोजकता योजना के तहत कुछ को आर्थिक मदद मिलेगी।
-दीपा जावूर, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी
Published on:
27 Jun 2021 01:04 pm
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