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अपने बच्चों के सामने नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

अपने बच्चों के सामने नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

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हुबली

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S F Munshi

Jun 28, 2023

अपने बच्चों के सामने नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

अपने बच्चों के सामने नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

धारवाड़-हुब्बल्ली
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव परशुराम दोड्डमनी ने कहा अभिभावकों को अपने बच्चों के सामने नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। अपने अभिभावकों को देख कर बच्चे भी उसे अपनाते हैं।
वे धारवाड़ में जिला केन्द्रीय कारागार में जिला प्रशासन, जिला पंचायत, जिला कानून सेवा प्राधिकरण, केन्द्रीय कारागार, मनोरोग एवं न्यूरो विज्ञान संस्था, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मादक वस्तु सेवन तथा अवैध तस्करी विरोध दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में मादक वस्तुओं का सेवन युवाओं में उनमें भी विशेष रूप से बच्चों में अधिक दिखाई दे रहा है। घर का माहौल तथा हालात भी इसका प्रमुख कारण होसकता है। प्रमुख तौरपर पिता या घर के बुजुर्ग नशीले पदार्थों का सेवन घर में करते हैं तो इसे देखते हुए बच्चे भी इसे अपनाने की सम्भावनाएं अधिक होते हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि कई मौकों पर साथी भी तंबाकु, गांजा तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने के लिए जोर डालते हैं। गलत कल्पना तथा मस्ती करने के लिए नशीले पदार्थों की आदत का युवा पीढ़ी शिकार हो रहे हैं। बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने में परिवार के सदस्य तथा शिक्षकों की भूमिका प्रमुख होती है।
सेवा निवृत जिला न्यायाधीश देवेंद्र आर. रेणके ने कहा कि नशा करने वालों की संख्या अधिक होती जा रही है। समाज में युवाओं को इन बुरी आदतों से परहेज करने को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।
जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. शशी पाटील ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को अपने घर के आसपास के लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से परहेज करने की नसिहत करना चाहिए। नशा करने वालों के लिए चिकित्सा सुविधाएं तालुक अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी उपलब्ध हैं। इसका सभी को लाभ लेना चाहिए।
धारवाड़ केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक एम.ए. मरिगौडा ने कहा कि हालही के दिनों में ड्रग्स सेवन एक फैशन बन गया है। वर्ष 2022 के आंकड़ों के मुताबिक कुल 1983 प्रकरण एनडीपीएस के तहत कर्नाटक में दर्ज हुए हैं। नशीले पदार्थों का सेवन सिर्फ उस व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके आसपास के लोगों को भी समस्या पैदा करता है। दूसरी बीमारी आने पर रिश्तेदार तथा मित्रों का अनुकंपा होता है। बीपी, मधुमेह तथा अन्य रोगों को हम कैसे सतर्कता बरतते हैं उसी प्रकार नशा करने से भी परहेज करना जरूरी है। सरकार के साथ हम सभी को सहयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम में मनोरोग एवं न्यूरो विज्ञान संस्था के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सरस्वती एन. तेनगी, मनोरोग एवं न्यूरो विज्ञान संस्था के निदेशक डॉ. महेश देसाई ने विचार व्यक्त किए। स्वास्थ्य विभाग के मनो रोग कार्यक्रम क्रियान्वयन अधिकारी डॉ. एस.बी. कळसूरमठ ने स्वागत किया। केन्द्रीय कारागार के शिक्षक पी.बी. कुरबेट ने कार्यक्रम का संचालन कर अंत में आभार व्यक्त किया।
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