टॉफी के बजाए बढ़ा चॉकलेट का प्रचलन, डार्क, मिल्क, नट्स चॉकलेट के अधिक शौकीन
हुब्बल्ली. चॉकलेट हर किसी को पसंद है। बच्चे हो, महिला हो या फिर युवा हर आयु वर्ग के लोग चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। कुरकुरे, चिप्स, नमकीन आदि की भरमार में बच्चे टॉफी दूर होते जा रहे हैं और चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। अधेड़, युवा और वरिष्ठ नागरिक ही टॉफी खाना पसंद कर रहे हैं। ज्यादातर लोग डार्क चॉकलेटपसंद करते हैं और इसे स्वास्थ्य के लिए हेल्दी मानते हैं। परन्तु यहां एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी चीज के ज्यादा सेवन से शरीर को कई नुकसान भी हो सकते हैं। डार्क चॉकलेट को लोग अच्छा और हेल्दी भले ही मानते हों, परन्तु ज्यादा खाने से कई स्वास्थ्य परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
डार्क चॉकलेट की अधिक मांग
मैं पिछले 20 साल से चॉकलेट बनाती हैं और इस कारोबार से जुड़ी हुई हैं। वे घर पर ही चॉको स्टूडियो ब्रांड के नाम से चॉकसेट बनाती हैं। इसके अलावा पिजा, ब्रेड, केक आदि भी बनाती हैं। उन्होंने कहा कि लोग डार्क, मिल्क, नट्स, क्रंच, सॉल्टेड, कैरामाइन, शुगर फ्री, चॉकलेट की मांग करते हैं। लोग डार्क चॉकलेट की अधिक मांग करते हैं। कई लोग लिकर चॉकलेड, चॉकलेट बुके, वेनिला बार की भी मांग करते हैं।
–नेहा कोठारी, चॉकलेट व्यवसायी
पहले टॉफी और चॉकलेट खुले में बिकते थे। अब प्रिमियम और पैक होकर आते हैं। उनके यहां 100 से 150 विभिन्न प्रकार के चॉकलेट और टॉफियां बिक रही हैं। पहले दो रुपए में मिलने वाली चॉकलेट और टॉफी अब पांच रुपए में मिलती है। कैडबरी, डार्क, मिल्क और नट्स चॉकलेट की मांग अधिक है।
– हर्ष जैन, चॉकलेट व्यापारी
अब पहले जैसे चॉकलेट की बिक्री नहीं हो रही है। अधिकतर बच्चे कुरकुरे, चिप्स, नमकीन पसंद करते हैं। बहुत कम ही हैं जो चॉकलेट पसंद करते हैं। टॉफी को तो एकाध ही पसंद करते हैं। अधेड़ और बुजुर्ग ही टॉफी और चॉकलेट खरीदते हैं।
– प्रकाश गंगोली, किराना व्यापारी
एंटीऑक्सिडेंट का अच्छा सोर्स लेकिन लेड और कैडमियम भी
डायटीशियन डॉ. रेखा माने ने कहा कि डार्क चॉकलेट इसलिए पॉपुलर है, क्योंकि लोग इसे एंटीऑक्सिडेंट का अच्छा सोर्स और कम चीनी वाली चीज समझते हैं परन्तु इसको खाने के कई नुकसान भी हैं। उन्होंने कहा कि शोध के मुताबिक, कुछ डार्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम होता है। ये दो ऐसी भारी धातुएं हैं, जो अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य परेशानियों से जुड़ी होती हैं। भारी धातुओं का रोजाना कम सेवन करने से भी कई तरह की शीरीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों में इसका खतरा और भी ज्यादा है। धातुएं शरीर के विकास से जुड़ी परेशानियों का सबब बनती हैं। मस्तिष्क के विकास को भी ये बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं और कम आईक्यू वाले बच्चों के जन्म का कारण बन सकती हैं।
कम कोको सामग्री वाली डार्क चॉकलेट का सेवन बेहतर
डॉ. रेखा ने कहा कि वयस्कों में लेड के ज्यादा सेवन से नर्वस सिस्टम की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, इम्यून सिस्टम का सप्रेशन, किडनी डैमेज और रिप्रोडक्शन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हम कम लेड या कैडमियम सामग्री के साथ डार्क चॉकलेट को खा सकते हैं और चाहें तो मिल्क चॉकलेट के साथ ले सकते हैं, जिसमें भारी धातु कम हो। कम कोको सामग्री वाली डार्क चॉकलेट का सेवन करना ज्यादा बेहतर है।
चॉकलेट खाने के फायदे
डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट अधिक होता है। इसमें मौजूद तत्व प्राकृतिक तरीके से मूड बेहतर बनाता है।
गर्भावस्था के दौरान चॉकलेट खाने से तनाव नहीं होगा।
गर्भावस्था में चॉकलेट खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
चॉकलेट ड्रिंक का सेवन करने वालों का मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।
चॉकलेट मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखता है।
चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट काफी होता है, जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है।
चॉकलेट खाने वालों की त्वचा में उम्र का असर कम दिखता है। आजकल तो चॉकलेट के फ्लेवर वाले कई तरह के फेशियल पैक भी आने लगे हैं।
लेकिन रखें ध्यान
अधिक चॉकलेट खाने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या शुरू हो सकती है।
डॉर्क चॉकलेट के अधिक सेवन से सिर चकरा सकता है।
डिहाइड्रेशन होता है, चिंता बढ़ाती है।
असहज महसूस होता है, वजन तेजी से बढ़ सकता है।
दिल की गति तेज हो सकती है।
दांत कमजोर हो सकते हैं।
चॉकलेट खाने का भी होता अगर चॉकलेट को सही समय पर खाया जाए तो ये और भी ज्यादा फायदा देता है।