28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेहनत से कभी घबराएं नहीं, समय की पाबंदी जरूरी

फादर्स डे पर विशेषजानिए पिता और संतान के रिश्ते ही अहमियत

less than 1 minute read
Google source verification
Father's Day

Father's Day

हुब्बल्ली. मां अगर पैैरों पे चलना सिखाती है, तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता और कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता, मां तो कह देती है अपने दिल की बात, सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता। किसी कवि की यह पंक्तियां निश्चित ही एक पिता की भूमिका को सही मायने में स्पष्ट कर देती है। हर साल जून के तीसरे रविवार को दुनियाभर में फादर्स डे मनाया जाता है। यह दिन हमारी जिंदगी में पिता की अहमियत और उन्हें सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस फादर्स डे पर जानते हैं कि एक पिता की अपनी संतान के प्रति कितनी अहमियत है और बेटा-बेटी का पिता को लेकर कितना सम्मान व प्रेम हैं।
पिता: विनोद तातेड़ जैन, हुब्बल्ली
परिवार की सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत की जरूरत होती है, बच्चों को यही सीख दी। मेहनत से कभी घबराएं नहीं। इसके साथ ही समय की पाबंदी जरूरी है। दूसरों से अच्छी बातें सीखने में कभी संकोच नहीं करें। बच्चों को सिखाया कि किसी भी मुश्किल समय में हारना नहीं बल्कि उससे निकलने का रास्ता ढूंढना चाहिए।
बेटी: यशवी तातेड़ जैन
बीबीए की छात्रा
मैंने पापा से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने हमारे लिए अपने सपनों का त्याग किया है। पापा हेशा मेरे हीरो हैं। मैं अपने जीवन में पापा का प्यार और मार्गदर्शन पाने के लिए बहुत भाग्यशाली हूं। मेरे पिता मेरे जीवन के सबसे अच्छे व्यक्ति हैं और वे हमेशा रहेंगे। उन्होंने मेरे लिए जो कुछ भी किया है, उसके लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं।
बेटा- हर्षिल तातेड़ जैन
पीयूसी द्वितीय वर्ष का छात्र
पिता हमेशा हमें अनुशासन में रहना सिखाते हैं और वे खुद भी अनुशासित रहते हैं। सुबह से लेकर रात तक उनकी पूरी दिनचर्या अनुशासित होती है।