
Professor Amar Jyoti, HOD, PG and Research Institute, DBHPS, Dharwad
हुब्बल्ली. कर्नाटक में हिंदी पठन-पाठन को लेकर लोगों की रुचि बढ़ी है। हिंदी में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद रोजगार के अवसर बढ़े हैं। खासकर पीएचडी के प्रति क्रेज बढ़ रहा है।
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा धारवाड़ की उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान की अध्यक्ष प्रोफेसर अमर ज्योति ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में कहा कि हिंदी में एमए एवं पीएचडी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार की संभावना बढ़ जाती है। प्रचार सभा से पीएचडी करने के बाद कई अभ्यर्थी विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थाओं में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही अनुवाद में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रचार सभा चला रहा है। इसने भी रोजगार के द्वार खोले हैं। विभिन्न बैंकों एवं अन्य संस्थाओं में अनुवादक के रूप में नौकरी के अवसर मिले हैं।
नेट-सेट पास अभ्यर्थी को पीएचडी में प्राथमिकता
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पीएचडी के प्रति क्रेज बढ़ा हैं। यूजीसी के नए नियमों के बाद से छात्र पीएचडी की तरफ अधिक आकर्षित हुए हैं। पहले एमफिल के बाद पीएचडी का प्रावधान था लेकिन एमफिल पाठ्यक्रम बन्द होने के बाद सीधे एमए के छात्र पीएचडी के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होते हैं। सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य करने के बाद भी पीएचडी के प्रति रुचि जगी है। पीएचडी करने में तीन वर्ष का समय लगता है। नेट-सेट पास अभ्यर्थी को पीएचडी में प्राथमिकता दी जाती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए प्रचार सभा में छात्रावास की व्यवस्था भी रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है।
हिंदी को बढ़ावा देने को लेकर कई कार्यक्रम
प्रोफेसर अमरज्योति ने बताया कि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की ओर से हिंदी को बढ़ावा देने को लेकर कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। महात्मा गांधी जयंती को बड़े स्तर पर मनाया जाता है। हिंदी दिवस पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर धारवाड़ जिले में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इसमें पांचवी कक्षा के ऊपर के छात्र भाग लेते हैं। साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं। पत्रकारिता में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने लिए एक प्रस्ताव पहले भेजा गया था लेकिन छात्रों की इस पाठ्यक्रम में कम रुचि होने के चलते पाठ्यक्रम शुरू नहीं किया जा सका था।
त्रैमासिक पत्रिका भारत वाणी का प्रकाशन
प्रचार सभा के पुस्तकालय में आठ हजार से अधिक हिंदी की पुस्तकें हैं। इससे पीएचडी अभ्यर्थियों को शोध कार्य में अधिक मदद मिल रही है। त्रैमासिक पत्रिका भारत वाणी का प्रकाशन किया जा रहा है। इसमें समीक्षा, लघुकथाएं, कविताएं समेत अन्य लेख होते हैं। शोधार्थियों को भी इसमें अपनी रचना लिखने का अवसर मिलता है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद कर चुके तारीफ
प्रोफेसर अमर ज्योति को करीब तीन दशक का शिक्षण का अनुभव रहा है। तीन अंतरराष्ट्रीय सेमीनारों में हिस्सा लिया है। दो पुस्तकें लिख चुकी हैं। छह विश्वविद्यालयों में पीएचडी परीक्षक रही है। साहित्य सांस्कृतिक शोध संस्थान मुम्बई की ओर से 2020 में साहित्य दर्शन सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। साहित्य मंडल राजस्थान की ओर से वर्ष 2016 में पंडित गौरीशंकर शुक्ला स्मृति सम्मान से नवाजा गया। नारी प्रगति मंच सागर की ओर से वर्ष 1992 में प्रतिभावान छात्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा मद्रास के 2019 में शताब्दी समारोह का संचालन किया। समारोह के मुख्य अतिथि तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे। कोविंद ने उनकी भाषा एवं शब्दों पर कमांड एवं प्रस्तुति के तरीके की तारीफ की थी।
Published on:
17 May 2023 08:19 pm
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