27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्मशान भूमि उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य

श्मशान भूमि उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य

less than 1 minute read
Google source verification

हुबली

image

S F Munshi

Mar 03, 2022

श्मशान भूमि उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य

श्मशान भूमि उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य

श्मशान भूमि उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य
-जिलाधिकारी नितेश पाटील ने दी जानकारी
धारवाड़
जिलाधिकारी नितेश पाटील ने कहा है कि राज्य के सभी गांव एवं शहरी क्षेत्रों में श्मशान भूमि उपलब्ध करना सरकार का उद्देश्य है। श्मशान के लिए भूमि की आवश्यकता वाले ग्रामीण संबंधित तहसीलदारों को या जिलाधिकारी कार्यालय को आवेदन सौंप सकते हैं। सरकारी जमीनें अतिक्रमण किए गए हैं तो आमजन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जमीन उपलब्ध हों तो श्मशान के लिए 2 एकड़ जमीन आरक्षित करने का अधिकार जिलाधिकारी को सरकार ने दिया है। कर्नाटक भू राजस्व विधेयक 1964 के धारा 71 के तहत जिलाधिकारी सरकारी जमीन आरक्षित कर सकते हैं। गोमाळ जमीन निर्धारित मात्रा से कम होने के बावजूद श्मशान के आरक्षित करने कर्नाटक भू राजस्व नियम, 1966 के नियम 97 (4) में जिलाधिकारी को अधिकार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि श्मशान का उद्देश्य सार्वजनिक उद्देश्य होने के कारण ऐसी जमीनों को भी जिलाधिकारी के स्तर में ही कर्नाटक भू राजस्व विधेयक 1964 की धारा 71 के तहत यह अधिकार दिया गया है। सरकारी जमीन में अवैध रूप से खेती करने वालों से वापस लेकर उस जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेकर श्मशान के आरक्षित करसकती है। किसी भी ग्राम में श्मशान के लिए आरक्षित सरकारी जमीन नहीं होने पर ऐसे गांवों में दिशा-निर्देश मूल्य तीन गुना दर में निजी जमीनों को खरीद सकते हैं। सार्वजनिक अपने गांवों में श्मशान की आवश्यकता होने पर तहसीलदार या जिलाधिकारी को अर्जी सौंप सकते हैं।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की दें जानकारी
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी जमीन, तालाब, सड़क, बैलगाडी का मार्ग आदि के लिए छोड़ी गई सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया गया हों तो आमजन संबंधित तहसीलदार या जिलाधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।