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बेन्नेहल्ला के लिए बड़ी योजना बनाने की जरूरत, स्थायी समाधान के लिए डीपीआर तैयार

बेन्नेहल्ला संरक्षण समिति के चिंतन मंथन में लिया फैसला, सरकार की मंजूरी की है दरकार, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर बनाएंगे दबाव

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बेन्नेहल्ला के लिए बड़ी योजना बनाने की जरूरत, स्थायी समाधान के लिए डीपीआर तैयार,बेन्नेहल्ला के लिए बड़ी योजना बनाने की जरूरत, स्थायी समाधान के लिए डीपीआर तैयार

हुब्बल्ली. राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य तथा पर्यटन मंत्री एचके पाटील ने कहा कि बेन्नेहल्ला बड़ी संपदा है। इससे बहुत नुकसान हो रहा है, इसका लाभ नहीं हो रहा है। इसका लाभ लेने के बारे में अब तक किसी ने कुछ नहीं किया है। बेन्नेहल्ला के लिए बड़ी योजना बनाने की जरूरत है।

पाटील कर्नाटक वाणिज्य एवं उद्योग संस्था के सभा भवन में रविवार को बेन्नेहल्ला संरक्षण समिति धारवाड़ जिला की ओर से आयोजित बेन्नेहल्ला स्थाई समाधान पर चिंतन-मंथन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब वे जल संसाधन मंत्री थे उस दौरान बेन्नेहल्ला को लघु सिंचाई विभाग से हटाकर वृहद सिंचाई विभाग में शामिल कर सात से आठ करोड़ रुपए दिए थे। बेन्नेहल्ला में वार्षिक 16 टीएमसी पानी बहता है। जो महदायी परियोजना से दो गुना अधिक है। समस्या के समाधान की दिशा में सभी को अग्रसर होना चाहिए। हमें राज्य के जलसंसाधन मंत्री डीके शिवकुमार पर दबाव बनाना चाहिए। परमशिवय्या आयोग की रिपोर्ट ने बेन्नेहल्ला के स्थाई समाधान के लिए कई सिफारिशें और सुझाव दिए हैं। यह रिपोर्ट जारी होनी चाहिए। बेन्नेहल्ला में बहने वाले 16 टीएमसी पानी में से कम से कम 10 टीएमसी पानी को संग्रह करने की योजना बनानी चाहिए। तुंगभद्रा नदी से सिंगटालूर के जरिए जब गदग तक पानी ला सकते हैं, कलसा-बंडूरी को तकनीकी समस्या के बावजूद जाब मोड़ा जा सकता है तो बेन्नेहल्ला को रेणुका सागर जलाशय में शामिल क्यों नहीं किया जा सकता। इस बारे में विचार करना चाहिए। बेन्नेहल्ला की अनदेखी सबसे बड़ी अनदेखी है। विधान परिषद के मुख्य सचेतक सलीम अहमद ने कहा कि बेन्नेहल्ला संरक्षण समिति के आंदोलन के लिए हमारा संपूर्ण समर्थन है। शीघ्र प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या तथा उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात कर बेन्नेहल्ला के स्थाई समाधान को लेकर दबाव बनाया जाएगा। पूर्व सांसद प्रो. आईडी सनदी, कांग्रेस नेता रजत उल्लागड्डिमठ, चंद्रशेखर जुट्टल, सरोजा हूगार, समिति के किरण रड्डेर, प्रदीप वेंकिगौडर समेत कई किसान प्रतिनिधियों ने बेन्नेहल्ला की रक्षा तथा इससे होने वाली तबाही से बचाने की मांग की। बैठक में कांग्रेस ने शाकीर सनदी, सदानंद डंगनवर, जगदीश उप्पिन, सिंचाई विभाग के अभियंता एसबी मल्लिगवाड़ समेत कई उपस्थित थे। डॉ. ताजुद्दीन मुल्लानवर ने स्वागत किया।

1397 करोड़ लागत में योजना तैयार

अध्यक्षता कर नवलगुंद विधायक एनएच कोनरेड्डी ने कहा कि बेन्नेहल्ला के स्थाई समाधान को लेकर डीपीआर तैयार की गई है। 1397 करोड़ लागत में योजना तैयार की गई है। प्रथम चरण में 523.8 करोड़ की लागत में बेन्नेहल्ला को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा। दूसरे चरण में 312 करोड़ लागत में बेन्नेहल्ला से आकर मिलने वाली 56 नहरों का विकास कर स्थाई समाधान किया जाएगा। बकाया राशि को तीसरे चरण में बेन्नेहल्ला से प्रभावित होने वाले गांवों तथा बेन्नेहल्ला के पानी को संग्रह करने का कार्य किया जाएगा। यमनूर के विकास के लिए भी योजना तैयार की गई है। यमनूर क्षेत्र में स्नान घाट, यात्री निवास आदि का निर्माण किया जाएगा। फकीरेश्वर संस्थान मठ शिरहट्टी के फकीर दिंगालेश्वर स्वामी ने कहा कि बेन्नेहल्ला से किसान डरे और सहमे हुए हैं। किसानों ने बन्नेहल्ला की जमीन छीनी है। पानी कभी झूठ नहीं बोलता, अपना मूल स्थान कहां है इसे बताने की शक्ति पानी को है। बेन्नेहल्ला में जब भी बाढ़ आती है बिना बताए आती है। किसानों की ओर से छीनी गई बेन्नेहल्ली की जमीन उसे देंगे तो नुकसान नहीं होगा। धुंडसी से लेकर मलप्रभा नदी में जाकर मिलने वाले बेन्नेहल्ला के क्षेत्र में आने वाले सभी गांवों में जागरूकता पहुंचाने का काम हम करेंगे। हमें विश्वास है कि सरकार बेन्नेहल्ला का स्थाई समाधान करेगी। समस्या के स्थाई समाधान के लिए किासनों को बेन्नेहल्ला की तरह सरकार के पीछे लगना चाहिए।


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