
कल्याण मंडप वाले नहीं लौटा रहे अग्रिम राशि
कल्याण मंडप वाले नहीं लौटा रहे अग्रिम राशि
-विवाह समारोहों पर लगा ब्रेक, वर-वधु पक्ष उलझन में
चिक्कमगलूरु
राज्यभर में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के कारण फिलहाल विवाह समारोहों पर ब्रेक लग गया है। विवाह के लिए बड़े-बड़े कन्वेंशन हाल (कल्याण मंडप) आरक्षित (बुक) करने वालों को उनकी एडवांस राशि कल्याण मंडपों के संचालक लौटाने में बहानेबाजी कर रहे हैं। इसके चलते विवाह के लिए अग्रिम राशि जमा करने वाले वर-वधु वाले उलझन में फंस गए हैं।
सैकड़ों लोगों को एकत्रित कर विवाह करने का सपने देखने वालों के लिए अब 50 लोगों के समक्ष ही विवाह करने के हालात पेश आए हैं। इसके चलते अनिवार्य तौर पर बड़े-बड़े हॉल को आरक्षित किए गए सभी विवाह घरों-मंदिरों में स्थानांतरित हुए हैं। कल्याण मंडपों के लिए अग्रिम तौर पर जमा की गई राशि को नहीं मांगने की कल्याण मंडप के मालिक विनती कर रहे हैं। इसी बीच राशि जमा करने वाले राशि को वापस लौटाने की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल कोविड के हालात में विवाह करना व कराना दोनों ही आयोजकों के लिए चुनौती बना हुआ है। माह पूर्व ही विवाह के लिए कल्याण मंडपों को राशि जमा करने वाले अब दुविधा में फंस गए हैं। सैकड़ों लोगों के सामने बच्चों का विवाह करने की चाह में कल्याण मंडपों के लिए राशि जमा करने वालों को अब सिर खराब करना पड़ रहा है। चिक्कमगलूरु में अप्रेल-मई में सैकड़ों विवाह होते हैं। अनेक विवाहों के लिए कल्याण मंडपों में सभी तैयारियां कर ली गई हैं परन्तु विवाह के लिए 50 जनों के ही होने के नियम लोगों के सिरदर्द का कारण बने हैं। सरकार के नियम के तहत घर में या फिर मंदिरों में ही विवाह करेंगे हमारी अग्रिम राशि लौटाएं कहकर विनती करने के हालात पेश आए हैं।
वधु-वर वालों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से कल्याण मंडपों के लिए राशि जमा की है परन्तु अब सैकड़ों लोगों को बुलवाकर विवाह करवाने के लिए सरकार अनुमति नहीं दे रही है। इसके चलते घर में सादगी के साथ विवाह करवा रहे हैं। मेहरबानी करके कल्याण मंडप के जमा की गई हमारी राशि वापस लौटाने की मांग करने पर कल्याण मंडपों के मालिक हमारी समस्या को नहीं सुन रहे हैं।
कल्याण मंडपों के मालिकों का कहना है कि आपको विवाह करवाने के लिए हमने किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं पहुंचाई है। विवाह के लिए सरकार ने प्रतिबंध लगाया है इसके चलते राशि वापस लौटाना नियमसंगत नहीं है। चाहे तो कुछ दिन बाद विवाह करवाएं।
फिलहाल मुहूर्त होने से जिले में कई विवाह अप्रेल-मई में तय हुए हैं। इस बार कोरोना संकट नहीं होगा सबकुछ ठीकठाक होगा माना था परन्तु कोरोना की दूसरी लहर ने विवाह सपना देखने वालों की उम्मीदों पर पानी फेरा है। वर-वधु के परिजन जिला प्रशासन या फिर संबंधित अधिकारियों से इस दिशा में हस्तक्षेप कर पीडि़तों की समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
Published on:
28 Apr 2021 11:42 pm
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