
हुब्बल्ली में बुधवार को प्रवासी राजस्थानी दिवस पर आयोजित राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में अपने विचार रखते राजस्थान मूल के लोग।
प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 के अवसर पर बुधवार को राजस्थान पत्रिका की ओर से पत्रिका परिचर्चा आयोजित की गई। हुब्बल्ली में हुए संवाद ने यह स्पष्ट किया कि राजस्थान से भले लोग दूर हैं, पर जुड़ाव आज भी उतना ही मजबूत है। प्रवासियों ने राजस्थान की वर्तमान स्थिति, रोजगार, निवेश, ग्रामीण विकास, परिवहन सुविधा और प्रवासी योगदान पर खुलकर विचार रखे। परिचर्चा का माहौल आत्मीय, सकारात्मक और भविष्य की संभावनाओं से भरा रहा।
प्रवासी राजस्थानी दिवस पर हुई इस परिचर्चा ने यह संदेश दिया कि राजस्थान से दूर रहते हुए भी प्रवासियों का दिल अपने मूल प्रदेश के विकास, संस्कृति और अवसरों से गहराई से जुड़ा है। प्रारम्भ में राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने प्रवासियों का राजस्थान से जुड़ाव एवं प्रवासी राजस्थानी दिवस पर प्रकाश डाला। प्रस्तुत है परिचर्चा के प्रमुख अंश:
राजस्थान अब निवेशकों की पहली पसंद बन रहा
कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक एवं उद्योगपति राजस्थान के बालोतरा जिले के मोकलसर निवासी रमेश बाफना ने कहा, पिछले दो वर्षों में राजस्थान ने जिस गति से सुधार किए हैं, वह ऐतिहासिक है। औद्योगिक माहौल पूरी तरह बदल चुका है। वन-विंडो सिस्टम ने उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया आसान कर दी है, सोलर एनर्जी का विजन पूरे देश में राजस्थान को अग्रणी बना रहा है। पहले लोग रोजगार के लिए कर्नाटक आते थे, लेकिन अब कर्नाटक से लोग राजस्थान में जमीन और उद्योग खोजने जा रहे हैं। अनार की बागवानी ने किसानों की आय कई गुना बढ़ा दी है। राजस्थान की यह प्रगति बताती है कि आने वाले वर्षों में यह राज्य उद्यमियों की पहली पसंद बनने वाला है। कई प्रवासी औद्योगिक निवेश के लिए राजस्थान लौटने की इच्छा रखते हैं।
बदल रही राजस्थान की आर्थिक तस्वीर
पतंजलि योगपीठ दक्षिण भारत के प्रभारी एवं बालोतरा जिले के अराबा निवासी भंवरलाल आर्य ने कहा, राजस्थान की आर्थिक तस्वीर बदल रही है। खेती में तकनीक, पानी की उपलब्धता, सब्सिडी और मशीनों ने किसानों की आय बढ़ाई है। आज राजस्थान में 800 रुपए प्रतिदिन पर भी मजदूर उपलब्ध नहीं हैं, यह स्पष्ट संकेत है कि रोजगार अब राजस्थान खुद पैदा कर रहा है। रिफाइनरी ने बाड़मेर-बालोतरा क्षेत्र को पिछड़े जिले से उठाकर निवेश केंद्र बना दिया है। पर्यटन, जमीन और उद्योग में प्रवासियों ने बड़े स्तर पर निवेश किया है। कोरोना के समय लौटे करीब 15 फीसदी लोग अब वापस कर्नाटक नहीं आए, क्योंकि राजस्थान उन्हें बेहतर अवसर दे रहा है।
राजस्थान आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा
सीरवी महासभा कर्नाटक के सदस्य बाबूलाल सीरवी ने कहा, राजस्थान आज वास्तव में आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रहा है। वर्तमान सरकार ने गांवों से लेकर उद्योग तक सुधारों की श्रृंखला चलाई है। जातिगत भेदभाव में कमी आई है, निर्णय प्रक्रिया तेज हुई है। सबका साथ, सबका विश्वास केवल नारा नहीं, राजस्थान में यह जमीनी हकीकत बन चुका है। देश-विदेश में बसें प्रवासी भी आज गर्व से कहते हैं कि वे अपने राज्य के विकास में भागीदार बनना चाहते हैं। राजस्थान की दिशा और दशा दोनों बदल रही हैं।
गांवों की समस्याओं पर भी ध्यान देने की जरूरत
रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्ब्लली के सदस्य एवं कोसेलाव निवासी धर्मेन्द्र माली ने कहा, राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है, यह सच है, लेकिन गांव स्तर पर अभी भी बड़ी कमियां मौजूद हैं। अस्पतालों की इमारतें तो बन गई हैं, पर डॉक्टरों की भारी कमी है। साधारण उपचार के लिए भी लोगों को शहरों का रुख करना पड़ता है। कई गांवों में सड़कों की हालत खराब है, भ्रष्टाचार विकास की गति रोकता है। सरकार को चाहिए कि गांवों को विकास का असली केंद्र बनाए, तभी राजस्थान की प्रगति टिकाऊ और पूर्ण होगी।
हुब्बल्ली-राजस्थान कनेक्ट मजबूत होना समय की जरूरत
रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के सदस्य एवं बाली निवासी रामलाल जणवा चौधरी ने कहा, हुब्बल्ली से अहमदाबाद और जोधपुर की नियमित उड़ानें अनिवार्य होनी चाहिए। प्रवासियों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन सीधी हवाई सेवा न होने से असुविधा होती है। रेल सुविधा ठीक है, पर एक-दो नई ट्रेनों की जरूरत है। बस सुविधा तो है, लेकिन लंबी दूरी और खराब सड़कों की वजह से सफर मुश्किल हो जाता है। राजस्थान और कर्नाटक के रिश्ते मजबूत हैं, इसलिए बेहतर कनेक्टिविटी दोनों राज्यों के विकास को गति देगी।
Published on:
10 Dec 2025 07:05 pm
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