श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ रायचूर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में कर्नाटक के विभिन्न जिलों के साथ ही राजस्थान, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। उपाध्याय प्रवर पुष्कर मुनि का जन्म 1910 में मेवाड़ के सिमटाल गांव में हुआ और 1924 में जालोर में दीक्षा ग्रहण की। पुष्कर मुनि को दिल्ली चातुर्मास के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जेलसिंह द्वारा विश्व संत की उपाधि प्रदान की गई।
चातुर्मास के दौरान यहां जैन भवन परिसर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम रोजाना आयोजित किए जा रहे हैं। रोजाना सुबह 9.15 बजे से प्रवचन हो रहे हैं। धार्मिक कक्षाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। चातुर्मास में समय-समय पर स्वाध्याय शिविर, महिला शिविर, बाल संस्कार शिविर तथा विशिष्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही आगामी दिनों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे।
इसके तहत 1 नवम्बर को महाप्रभु महावीर निर्वाणोत्सव, 2 नवम्बर को जैन नववर्ष पंच मांगलिक, 2 नवम्बर को गौतम प्रतिपदा, 6 नवम्बर को ज्ञान पंचमी, 10 नवम्बर को सद्गुरुनाथ गणेश जन्म जयंती व सद्गुरु देवेन्द्राचार्य जन्म जयंती, 14 नवम्बर को सद्गुरु तारक पुण्य दिवस, सद्गुरु चौथमल जन्म जयंती एवं गुरु कृतज्ञता अर्पण दिवस, 15 नवम्बर को सद्गुरु हेमचन्द्राचार्य जन्म जयंती, सद्गुरु हरिभद्रसूरि जन्म जयंती एवं वीर लोकाशाह जन्म जयंती और 16 नवम्बर को चातुर्मास परिवर्तन होगा।