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11 साल बाद हो रहे रेलवे ट्रेड यूनियन के चुनाव, दक्षिण-पश्चिमी रेलवे में चार संस्थाएं चुनाव लड़ रही

4,5 एवं 6 दिसंबर को होंगे चुनाव, मतगणना 12 दिसंबर को

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रेलवे ट्रेड यूनियन चुनाव को लेकर प्रचार करते रेल कर्मचारी।

रेलवे ट्रेड यूनियन चुनाव को लेकर प्रचार करते रेल कर्मचारी।

दक्षिण-पश्चिमी रेलवे में चार संस्थाएं चुनाव लड़ रही है। इनमें निरुत्या रेलवे मजदूर संघ (एनआरएमएस), साउथ वेस्टर्न रेलवे मजदूर यूनियन (एसडब्ल्यूआरएमयू), साउथ वेस्टर्न रेलवे एम्पलोइज संघ( एसडब्ल्यूआरईएस) एवं साउथ वेस्टर्न रेलवे एम्पलोइज यूनियन( एसडब्ल्यूआरईयू) चुनाव लड़ रही है। भारतीय रेलवे में 11 साल बाद ट्रेड यूनियन का चुनाव होने जा रहा है। यह चुनाव रेलवे के सभी जोन में 4, 5 और 6 दिसंबर को होगा। रेलवे अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ट्रेड यूनियन नियमों के तहत रजिस्टर्ड संस्था ही इस चुनाव में हिस्सा ले सकती है। यह चुनाव वर्ष 2018 में होना था लेकिन अब छह वर्ष विलंब से दिसंबर 2024 में हो रहा है। इसके पूर्व यह चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था। रेलवे में कर्मचारी यूनियन की मान्यता के चुनाव में दक्षिण पश्चिमी रेलवे के करीब 38 हजार से अधिक कर्मचारी शिरकत करेंगे। छह वर्ष के इंतजार के बाद रेलवे बोर्ड ने पिछले दिनों चुनाव की तारीख घोषित की थी। मतगणना 12 दिसंबर को होगी।

हर पांच साल में चुनाव
भारतीय रेलवे में कुल 19 ज़ोन हैं। यह चुनाव हर 5 साल में होता है लेकिन विभिन्न कारणों से ये चुनाव 11 साल बाद हो रहा है। इस चुनाव में सभी ज़ोन के अंतर्गत आने वाली रेलवे की संस्थाएं चुनाव लड़ती हैं। चुनाव लडऩे के लिए जो संस्था रजिस्टर्ड होती है वह आवेदन करती है। योग्य पाए जाने पर ही संस्था चुनाव लड़ पाती है। इसमें रेलवे के कर्मचारी मतदान करते हैं। इसके लिए रेलवे कार्यालयों में मतदान बूथ बनाए जाते हैं।

35 फीसदी मतदान वाली संस्था को मान्यता
रेलवे में 12 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जो मतदान करेंगे। करीब 35 प्रतिशत मतदान पाने वाली संस्था को ही जोनल रेलवे से मान्यता मिलती है। मान्यता के साथ रेलवे की तरफ से कई तरह की सुविधाएं भी दी जाती हैं। चुनाव प्रक्रिया के बाद जिस संस्था को मान्यता नहीं मिल पाती है,उन्हें यदि रेलवे की तरफ से पहले से सुविधाएं मिली हुई हैं तो उन सुविधाओं को छोडऩा पड़ता है।