
प्रवासी संस्था: वीर बालिका एवं महिला मंडल गदग
वीर बालिका एवं महिला मंडल गदग पिछले 35 वर्ष से आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में अग्रणी रहकर सेवा कार्य कर रही है। प्रभु की अंग रचना, मंदिर सजावट, विविध प्रकार की पूजा में मंडल की सदस्याएं सदैव आगे रहती है। गदग में विभिन्न जैन मंदिरों में सेवा कार्य करती है। हर कार्य को सफल बनाने में हर सदस्य का सहयोग रहता है। सभी सदस्य मिलजुल कर काम करते हैं। मंडल में 50 सदस्य है। करीब 35 साल पहले मंडल का गठन किया गया। कंचन ओसवाल मंडल की संस्थापक सदस्य है। साध्वी प्रियदर्शिनीश्री के सान्निध्य में मंडल का गठन किया गया।
हर साल तीर्थ यात्रा
चातुर्मास के दौरान मंडल के सदस्यों का खास सहयोग रहता है। विभिन्न गौशालाओं में सहयोग राशि दी जाती है। अनाथ आश्रम में जाकर कपड़े एवं जरूरत की चीजें दी जाती है। साथ ही खाद्य सामग्री का वितरण भी किया जाता है। मंडल की सदस्य समय-समय पर तीर्थ यात्रा पर जाती है। पालीताणा, गिरनार समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर जा चुके हैं।
हर रविवार को स्नात्र पूजा की जाती है। शुक्रवार को धार्मिक ज्ञान की कक्षा लगती है।
प्रगतिशील समाज की सोच
श्री वीर बालिका एवं महिला मंडल गदग की चेयरमैन कंचन एम. ओसवाल रमणिया ने बताया कि श्री वीर बालिका एवं महिला मंडल गदग की ओर से वीर गूंजन नामक पुस्तिका तैयार करवाई गई है। इसमें 150 स्तवन लिखे गए हैं। मंडल के सदस्यों ने करीब छह महीने पहले ही यह पुस्तिका तैयार की है। नारी तुम मैनका नहीं मैना हो, नारी तुम हर जीत की प्रेरणा हो। शाों में नारी की विभिन्न कलाओं के बारे में बताया गया है। अगर इन कलाओं से नारी परिपूर्ण हो तो कहीं भी रोशनी फैला सकती है। घर-घर में या पूरे देश में उजाले की लौ बनकर जगमगा सकती है। प्रेमभाव से हर परिवार परिपूर्ण हो। हमारा समाज प्रगतिशील बने। घर-घर संस्कारों से सुशोभित हो। यही मंडल का उद्देश्य रहता है।
मंडल की कार्यकारिणी
वीर बालिका एवं महिला मंडल गदग की चेयरमैन कंचन एम. ओसवाल रमणिया है। कंचन ओसवाल पिछले 10 वर्ष से चेयरमैन के पद पर है। वे करीब 25 वर्ष तक अध्यक्ष रही। इसके साथ ही मीनल बाफना मोकलसर अध्यक्ष, सविता बन्दामूथा सिवाना उपाध्यक्ष, डिम्पल बन्दामूथा सिवाना कोषाध्यक्ष तथा सुमित्रा बाफना सह कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है।
Published on:
05 Aug 2024 03:52 pm
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