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इमानदारी एवं निस्पक्षता से शोधकार्य में जुटें शोधकर्ता

इमानदारी एवं निस्पक्षता से शोधकार्य में जुटें शोधकर्ता

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हुबली

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S F Munshi

Feb 20, 2024

Researchers engaged in research work with honesty and impartiality

इमानदारी एवं निस्पक्षता से शोधकार्य में जुटें शोधकर्ता,इमानदारी एवं निस्पक्षता से शोधकार्य में जुटें शोधकर्ता

हुब्बल्ली-धारवाड़
बेंगलूरु के आइसेक अनुसंधान संस्था के पूर्व निदेशक डॉ. गोपाल कडेकोडी ने कहा कि शोधकर्ताओं को इमानदारी एवं निस्पक्षता से शोध कार्यों में जुटना चाहिए।
वे धारवाड़ के कृषि विश्वविद्यालय ने गृह विज्ञान कालेज सभा भवन में कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि कारोबार प्रबंधन, मानव विकास विभाग, कृषि समुदाय विज्ञान एवं परिवार अध्ययन कालेजों के संयुक्त तत्वावधान में समाज विज्ञान में अनुसंधान एवं अनुसंधान में प्रायोगिकता नामक विषय संबंधित आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज विज्ञान विकसित हो रहा है। एक विषय के तौरपर समाज विज्ञान पर्यावरण एवं सामाजिक व्यवस्था के बीच के संघर्ष का समाधान करने का प्रयास करना चाहिए। सशक्तिकरण एवं उदारता के चिंतनों तथा सामाजिक शिक्षा में अधिक अनुसंधान होने की आवश्यकता है।
धारवाड़ के सीएमडीआर निदेशक डॉ. बसवप्रभु जिरली ने कहा कि समाज को बदलने में बसवण्णा, सर्वज्ञ, अल्लमप्रभु जैसे समाज सुधारकों का योगदान अहम है। समाज विज्ञान अनुंसधान सामाजिक केन्द्रिकृत होने चाहिए।
सांख्यिकीविद डॉ. रघु अकमंची ने कहा कि माध्यमिक स्कूल के दौर से ही अनुसंधान की परिकल्पना को विद्यार्थियों को परिचित करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.एल. पाटील ने कहा कि एसे कार्यशालाओं का लाभ शोधकर्ताओं को प्राप्त करना चाहिए। वर्ष 2020 की एनईपी पाठ्यक्रम कृषि विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम मेल खाता है। एसी परिकल्पना लैंड ग्रांट कालेज में अपनाई जा रही है।
कार्यशाला में तकनीकी गोष्ठी में डॉ. एम.आर. पाटील, डॉ. अशोक वडकण्णनवर तथा डॉ. एन.बी. कुन्नाल ने अनुसंधान लिखावट, विधान एवं सांख्यिकीविद का महत्व संबंधित विषय प्रस्तुत किया।
विविध विषयों के 80 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों तथा सामाजिक विज्ञान विभाग के 20 प्राध्यापकों ने कार्यशाला में भाग लिया था।
कार्यक्रम में आईसीएआर प्राध्यापक तथा कार्यशाला के संगठन सचिव डॉ. एस.एम. मुंदिनमनी, कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. एच.बी. बबलाद, डॉ. भाग्यश्री हेगडे, डॉ. राजेश्वरी, डॉ. वी.एस. पाटील, डॉ. पुष्पा बी. खादी, डॉ. बी.के. नायक आदि उपस्थित थे।
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