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पेंशन में बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर वरिष्ठ नागरिकों ने किया प्रदर्शन

वरिष्ठ नागरिकों की विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के बैनर तले वरिष्ठ नागरिकों ने यहां हुब्बल्ली तहसील कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर वरिष्ठ नागरिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग की।

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हुब्बल्ली में सोमवार को किए गए प्रदर्शन में शामिल कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के सदस्य।

हुब्बल्ली में सोमवार को किए गए प्रदर्शन में शामिल कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के सदस्य।

वरिष्ठ नागरिकों को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं
कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बी.वी.पाटिल ने कहा, वरिष्ठ नागरिकों को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। सभी पुलिस थानों में वरिष्ठ नागरिक सहायता प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश पहले ही जारी किए थे। इसका उद्देश्य वृद्धजनों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाना था। लेकिन कई जिलों के पुलिस थानों में यह प्रकोष्ठ या तो सिर्फ कागजों तक सीमित है या अब तक अस्तित्व में ही नहीं आया हैं। स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद कर्नाटक के अधिकतर पुलिस थानों में अब तक वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ की स्थापना नहीं हो पाई है। इसका खामियाजा बुजुर्गों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें सुरक्षा, सहयोग और शिकायत निवारण के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही पेंशन राशि में बढ़ोतरी की मांग की गई।

तहसील कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए जिला प्रशासन को चेताया है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही सभी थानों में वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ की स्थापना नहीं की गई, तो वे आन्दोलन को बड़े स्तर तक ले जाएंगे। वरिष्ठ नागरियों की विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जिला कलक्टर कार्यालय एवं तहसील कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि उनकी सुनवाई की कोई व्यवस्था नहीं है। छोटी-छोटी शिकायतों के लिए भी उन्हें कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं होता।

अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी
वरिष्ठ नागरिक संगठन के पदाधिकारियों ने कहा, हमने बार-बार प्रशासन से आग्रह किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि अब भी हमारी मांग नहीं मानी गई, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनके अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर शासन और प्रशासन इस ओर गंभीरता से कदम नहीं उठाते, तो वरिष्ठ नागरिकों का आक्रोश सार्वजनिक आंदोलन का रूप ले सकता है।

संगठन पिछले 18 साल से सक्रिय
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन से कर्नाटक में एक लाख बीस हजार सदस्य जुड़े हुए हैं। इसमें करीब 28 हजार महिला सदस्य है। संगठन 2007 से अस्तित्व में हैं और लगातार वरिष्ठ नागरिकों की आवाज उठाता रहा है। संगठन के कार्यालय पर रोजाना वरिष्ठ नागरियों की समस्याओं की जनसुनवाई भी की जा रही है। जिसमें यथासंभव उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाता है।

यह पदाधिकारी भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के उपाध्यक्ष सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. लिंगराज हौगारी, संगठन के कृषि प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष डी.टी. पाटिल, संगठन केे संयुक्त सचिव सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त एस.एम. कोलुर एवं संगठन की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुनन्दा बेन्नूर समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।