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दो साल बाद भी साइलो इकाइयां शुरू नहीं, करोड़ों की मशीनें खराब

किसानों के अनाज को बिना खराब हुए भंडारण करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनाई गई आधुनिक तकनीक सुविधाओं वाली साइलो इकाइयों का एक बार भी उपयोग नहीं किया गया है। ऐसे में करोड़ों रुपए की मशीनें खराब हो रही हैं। वर्ष 2016-17 के बजट में हावेरी, कलबुर्गी, यादगीर और गंगावती एपीएमसी बाजार परिसर में साइलो इकाइयां स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। दो साल पहले निर्मित दाल भंडारण इकाइयां अभी भी चालू नहीं हुई हैं।

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दो साल बाद भी साइलो इकाइयां शुरू नहीं, करोड़ों की मशीनें खराब

दो साल बाद भी साइलो इकाइयां शुरू नहीं, करोड़ों की मशीनें खराब

किसानों के लिए उपयोगी नहीं अनाज भंडारण सुविधाएं
हुब्बल्ली. किसानों के अनाज को बिना खराब हुए भंडारण करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनाई गई आधुनिक तकनीक सुविधाओं वाली साइलो इकाइयों का एक बार भी उपयोग नहीं किया गया है। ऐसे में करोड़ों रुपए की मशीनें खराब हो रही हैं। वर्ष 2016-17 के बजट में हावेरी, कलबुर्गी, यादगीर और गंगावती एपीएमसी बाजार परिसर में साइलो इकाइयां स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। दो साल पहले निर्मित दाल भंडारण इकाइयां अभी भी चालू नहीं हुई हैं। हावेरी जिले के हानगल रोड स्थित कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के परिसर में 2.11 करोड़ रुपए की लागत से 200 मीट्रिक टन क्षमता के 5 साइलो टैंकों का निर्माण किया गया है। काम का ठेका लेने वाली बेंगलूरु की बिल्टेक इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस कंपनी ने दिसंबर 2021 में काम पूरा किया था। बाद में फरवरी 2022 में हावेरी एपीएमसी से ट्रायल रन किया गया था। इसके बाद इकाई का उपयोग ही नहीं हुआ।

खराब नहीं होगा अनाज
हावेरी एपीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि मक्का समेत अन्य अनाज बोरी से उड़ेलना परे पर उसमें मौजूद कूड़े-कचरे, धूल को मशीन के जरिए अलग किया जाता है। फिर अनाज को 5 टैंकों में संग्रहित किया जाता है। घरों में रखने पर अनाज में कीड़े लगने से खराब होने की संभावना रहती है। इसे साइलो टैंक में संग्रहित करने पर इसे बिना खराब हुए संरक्षित किया जा सकता है।

अवैज्ञानिक योजना

इस इकाई की क्षमता एक हजार मीट्रिक टन है और एक समय में एक किसान केवल एक समान अनाज का भंडारण कर सकता है। जिले के छोटे व मझोले किसानों के पास इतनी बड़ी मात्रा में अनाज नहीं रहता है। इसलिए इस इकाई से किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है। यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक योजना है।

- हनुमंतप्पा दीविगिहल्ली,किसान नेता, हावेरी

पैसे की बर्बादी

बरसात के मौसम में कृषि उपज खराब हो जाती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है। यदि शीतागार इकाई (कोल्ड स्टोरेज) लग जाती तो किसानों को लाभ होता। अधिकारियों ने बिना सोचे समझे साइलो इकाई का निर्माण कर लोगों का पैसा बर्बाद किया है। सरकार को बड़ी संख्या में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इस इकाई को संशोधित करना चाहिए।

- मल्लिकार्जुन बल्लारी, किसान नेता

आगे नहीं आए किसान

हावेरी साइलो इकाई का मुफ्त में उपयोग करने को कहने के बावजूद किसान आगे नहीं आए हैं। रियायती दरों पर किराए के लिए किसान उत्पादक कंपनियों को आमंत्रित किया था।

- परमेशप्पा नायक,प्रभारी सचिव, एपीएमसी

कोई कर्मचारी नहीं

यादगीर एपीएमसी के पास साइलो इकाई के रखरखाव के लिए कोई कर्मचारी नहीं है। व्यापारियों के रुचि दिखाने पर हम इकाई के रखरखाव की जिम्मेदारी देंगे। ताकि अनाज खराब न हो।

- महादेवप्पा चबनूर, सचिव, एपीएमसी, यादगीर