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हुबली

धीमी गति, चार साल में भी नहीं बना अस्पताल का नया भवन

गरीबों के लिए फायदेमंद हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के स्वामित्व वाले पुरानी हुब्बल्ली प्रसूति-सामान्य (मैटरनिटी-जनरल) अस्पताल भवन को हटाकर 6 साल हो गए हैं। उसी जगह पर नए अस्पताल का निर्माण कार्य भी धीमी गति से चल रहा है, जिससे मरीजों को सरकारी अस्पतालों की तलाश में दूसरी जगह भटकने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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100 बिस्तरों की क्षमता वाला सर्वसुविधायुक्त अस्पताल
2019 में शुरू किया कार्य
सामुदायिक भवन में चल रहा अस्पताल
हुब्बल्ली. गरीबों के लिए फायदेमंद हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के स्वामित्व वाले पुरानी हुब्बल्ली प्रसूति-सामान्य (मैटरनिटी-जनरल) अस्पताल भवन को हटाकर 6 साल हो गए हैं। उसी जगह पर नए अस्पताल का निर्माण कार्य भी धीमी गति से चल रहा है, जिससे मरीजों को सरकारी अस्पतालों की तलाश में दूसरी जगह भटकने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 100 बिस्तरों की क्षमता वाले सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भवन का निर्माण कार्य 2019 में शुरू किया गया था परन्तु काम कछुआ गति से चल रहा है, इसे देखने पर ऐसा लग रहा है कि पुराना अस्पताल ही सुविधाजनक था। पहले मौजूद पुरानी हुब्बल्ली मैटरनिटी एंड जनरल अस्पताल इस क्षेत्र का सबसे पुराना और गरीबों के लिए सबसे सुविधाजनक अस्पताल था।

पुराने अस्पताल भवन को 2017-18 में ही गिराया गया था। इसके बाद भूमि पूजन और काम शुरू होने में एक साल बीत गया। हुब्बल्ली में स्मार्ट सिटी योजना के 20-30 करोड़ रुपए की लागत का बड़ा कार्य तय समय सीमा में पूरा नहीं हो पाया है, 2-3 साल में पूरे हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों के लिए कोई वित्तीय संकट नहीं है। कार्यान्वयन की समस्या है। पुरानी हुब्बल्ली अस्पताल के मामले में वित्त और कार्यान्वयन दोनों की समस्या है।

नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक यह जी प्लस 3 तर्ज का भवन है। जी प्लस 2 लेवल तक स्लैब का काम पूरा हो चुका है, आखिरी मंजिल के निर्माण के लिए पिलर उठाने का काम जारी है। निचली दो मंजिलें सीमेंट ब्लॉक की दीवारों से बनी हैं। सीमेंट प्लास्टरिंग, फर्श टाइलिंग, विद्युत कार्य, कंपाउंड सहित कई अन्य कार्य लंबित हैं। यह कोई ऐसा काम नहीं है जो 3-4 महीने में पूरा हो जाएगा। इस स्तर पर तेजी लाने पर ही काम अगले एक साल में पूरा हो सकता है। वरना पुरानी हुब्बल्ली इलाके के मरीजों की तकलीफ खत्म नहीं होगी।

15 करोड़ रुपए की परियोजना
पुरानी हुब्बल्ली मैटरनिटी-जनरल अस्पताल के नवीनीकरण के लिए 15 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पहले नगर निगम को स्वीकृत हुए महात्मा गांधी शहरी विकास परियोजना के 7 करोड़ रुपए की लागत से कार्य प्रारम्भ किया गया था। बाद में नगर विकास विभाग की ओर से अतिरिक्त तौर पर आठ करोड़ रुपए की मंजूरी प्राप्त की गई। पहले चरण में राशि जारी होने में देरी के कारण ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था। बाद में सरकार से अतिरिक्त 8 करोड़ रुपए की मंजूरी प्राप्त करने में देरी हुई।

सिर्फ ओपीडी की सुविधा
पुरानी हुब्बल्ली अस्पताल के गिराने के बाद, हिरेपेट घोडके ओनी में नगर निगम के सामुदायिक भवन भवन में अस्थायी अस्पताल चलाया जा रहा है। यहां केवल ओपीडी (बाह्य रोगी जांच) की सुविधा है। आगे के इलाज के लिए इस क्षेत्र के लोगों को नगर निगम के चिटगुप्पी अस्पताल या किम्स में जाना पड़ता है।

पुरानी हुब्बल्ली के अस्थाई अस्पताल में प्रतिदिन 40 से 50 मरीज आते हैं। मंगलवार और शुक्रवार को अधिक भीड़ रहती है। पुरानी हुब्बल्ली मैटरनिटी-जनरल अस्पताल के नए भवन का कार्य पूरा होकर इसके कार्य आरंभ करने से चिटगुप्पी अस्पताल में भीड़ कम होगी। पुरानी हुब्बल्ली अस्पताल को शहरी तालुक अस्पताल बनाने का विचार है।
डॉ. श्रीधर दंडेप्पनवर, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम।

पुरानी हुब्बल्ली मैटरनिटी-जनरल अस्पताल भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, मैंने हाल ही में साइट का निरीक्षण किया है। ठेकेदार को काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. ईश्वर उल्लागड्डी, आयुक्त, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम