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शिक्षा को बदलाव के अनुरूप ढालने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आज दुनिया में हो रहे परिवर्तनों के अनुसार शिक्षा देना महत्वपूर्ण है। इसके चलते ऐसी शिक्षा का गठन जरूरी है। जनता शिक्षा समिति के नए प्रशासन मंडल का स्वर्ण जयंती समारोह

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शिक्षा को बदलाव के अनुरूप ढालने की जरूरत

शिक्षा को बदलाव के अनुरूप ढालने की जरूरत

जनता शिक्षा समिति के नए प्रशासन मंडल का स्वर्ण जयंती समारोह
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आज दुनिया में हो रहे परिवर्तनों के अनुसार शिक्षा देना महत्वपूर्ण है। इसके चलते ऐसी शिक्षा का गठन जरूरी है।

वे धारवाड़ के विद्यागिरि स्थित जनता शिक्षा समिति के नए प्रशासन मंडल के स्वर्ण जयंती के अवसर पर शनिवार को आयोजित 50वें अविस्मरणीय समारोह चेन्नुडी भाग-6 का विमोचन कर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए कौशल, पैमाने और गति बहुत महत्वपूर्ण हैं। दुनिया भी यही चाहती है। इनके साथ-साथ अच्छे संस्कार भी आवश्यक हैं। शिक्षण संस्थान चलाने वालों को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, तभी समाज को सफल व्यक्तियों को देना संभव हो पाएगा।

जोशी ने कहा कि भारत सबसे अधिक युवाओं वाला देश है। हमारे बच्चों को पूर्णता की शिक्षा देनी चाहिए। भारतीयों के लिए देश और विदेश में पर्याप्त अवसर हैं। हमारे युवा और वैज्ञानिक हर जगह चमक रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहन और अवसर मिलने पर वे उपलब्धि हासिल करके दिखाते हैं। इसी वजह से चंद्रयान सफल रहा।

उन्होंने कहा कि चीन को दुनिया की फ़ैक्टरी कहा जाता है परन्तु आगामी 10 वर्षों में भारत का दुनिया की फैक्ट्री बनकर उभरना निश्चित है। भविष्य में सारा उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। यह कौशल, पैमाने और गति से संभव होगा।

जोशी ने कहा कि जेएसएस संस्थान शिक्षा के साथ संस्कार भी दे रहा है। इस संस्था से कम से कम 3 छात्रों को अगामी 10 वर्षों के दौरान ओलंपिक में भाग लेने का प्रयास करना चाहिए। इस संबंध में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार हमेशा तैयार है।

मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा कि हाल के दिनों में शिक्षकों और छात्रों के बीच संपर्क और रुचि कम हो रही है। पहले के दिनों में शिक्षक छात्रों की रुचि को प्रोत्साहित करते थे। इसके चलते शिक्षक और छात्रों के बीच एक अविभाज्य संबंध था परन्तु हाल ही में ऐसा नहीं देख रहा है। शिक्षक छोड़िए संस्थान से भी रिश्ता टूट रहा है।

उन्होंने कहा कि जेएसएस ने संस्कृति को बचाने के साथ-साथ धारवाड़ की शोभा भी बढ़ाई है। विश्वसनीयता के साथ परिश्रमी सेवा दी है। इसकी बुनियाद यहां के शिक्षक और कर्मचारी हैं। उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि संगठन आज इतनी ऊंचाई पर पहुंच गया है।

भट्टकलंक भट्टारक पट्टाचार्य स्वामी ने कहा कि जीवन में सफलता और देश की प्रगति के लिए अच्छी शिक्षा आवश्यक है। ऐसी शिक्षा जेएसएस की ओर से प्रदान की जा रही है। डॉ. डी. वीरेंद्र हेग्गड़े सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही संगठन इस स्तर तक बढ़ सका है। इसने न केवल धारवाड़ बल्कि राज्य में ही एक अच्छे संस्थान के रूप में नाम कमाया है। विधायक अरविंद बेल्लद ने विचार व्यक्त किया।

जेएसएस सचिव डॉ. अजित प्रसाद और संस्थान के सेवानिवृत्त शिक्षक आर.के. मुलगुंद को सम्मानित किया गया। मुरुघा मठ के मल्लिकार्जुन स्वामी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में जेएसएस के कार्याध्यक्ष डॉ. डी. वीरेंद्र हेग्गड़े ने अध्यक्षता की थी।

एसडीएमई सोसायटी के सचिव जीवनधरकुमार, विधायक महेश टेंगिनकाई, हेमावती हेग्गड़े, श्रद्धा हेग्गड़े, शिवलीला कुलकर्णी, केशव देसाई, कमलनयन मेहता, महावीर उपाध्याय, शिक्षक, छात्र और अन्य उपस्थित थे।