
आमजन के लिए ट्रैफिक जाम बना सिर दर्द
धारवाड़-हुब्बल्ली
शहर के जुबली सर्कल में हर कहीं से वाहन आजाते हैं जिससे राहगीरों को चलने में विभिन्न दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी टैफिक जाम का सबब बनी है। जुबली सर्कल में छह सड़कें मिलती हैं जिससे टैफिक जाम का प्रमुख कारण बना हुआ है। यहां पर यातायात पुलिस कर्मियों की कमी के कारण वाहन चालक टै्रफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं।
जुबली सर्कल में महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए सड़क पार करना बड़ी चुनौती बनी हुई है। हुब्बल्ली-धारवाड़ के बीच बीआरटीएस बसों में सफर करने वाले यात्रियों को ही सडक पार करने की उपयुक्त व्यवस्था होने से अब परिवहन निगम की बसों में सफर करने वालों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जुबली सर्कल में बीआरटीएस के अलावा कोई भी अन्य बसों के लिए बस स्टॉप नहीं बनाया गया है। इससे गांव जाने वाले ग्रामीणों को विभिन्न दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क पर खड़े होते हैं यात्री
धारवाड़ के जुबली सर्कल में बसें तथा अन्य वाहन सड़क के किनारे ही खड़ी रहती हैं। ऐसे में ट्रैफिक की समस्या विकराल होती जा रही है। सुबह और शाम के समय स्थिति और खराब हो जाती है। बारिश का मौसम शुरू होने पर परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले कहां ठहरें यह सवाल उठ रहे हैं।
जुबली सर्कल से गुजरती हैं प्रमुख बसें
धारवाड़ के जुबली सर्कल से शहर के आसपास के इलाकों तथा गांवों को बसें और निजी मिनी बसें गुजरती हैं। इसके चलते जुबली सर्कल में बड़ी संख्या में यात्री आकर सड़क के किनारे अपनी बस के इंतजार में खड़े रहते हैं। परिवहन निगम की बस में स्कूल और कॉलेज के छात्र भी मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में परिवहन निगम की बसों में छात्राओं समेत यात्रियों को सड़क पार करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके चलते महिलाएं मांग कर रही हैं कि बसों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ बस स्टॉप का निर्माण करना चाहिए। अगर यह संभव नहीं है तो शक्ति योजना के लाभार्थियों को बीआरटीएस बसों में यात्रा की अनुमति देनी चाहिए।
जुबली सर्कल में हैं प्रमुख कार्यालय
धारवाड़ के जुबली सर्कल के आसपास, कलाभवन, मॉल, वाणिज्य भवन, अस्पताल, जिला न्यायलय, महिला डीएड कालेज, आर.एन. शेट्टी स्टेडियम, धारवाड़ नगर निगम कार्यालय, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाएं आदि के होने से लोगों की तथा वाहनों की आवाजाही बहुत ज्यादा होती है। इसको नियंत्रित करना टै्रफिक पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।
परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि केएसआरटीसी में उपयोग की गई बसों को ही उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम को दिया गया है। इसमें अच्छी बसें दूर के कस्बों के लिए छोड़ी जाती हैं, जबकि हुब्बल्ली-धारवाड़ के बीच औसत क्षमता वाली बसें चलती हैं। इन बसों में अधिकतम 65 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है परन्तु प्रत्येक बस में लगभग सौ यात्री यात्रा कर रहे हैं, इसलिए यात्रा कितनी सुरक्षित है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। बसों को नियंत्रित करना भी चालकों के लिए चुनौती बनी हुई है।
लोगों में टै्रफिक सेंस की कमी
हुब्बल्ली-धारवाड़ की जनता में टै्रफिक सेंस की कमी के कारण टै्रफिक संबंधित समस्याएं हो रही हैं। यहां के लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। युवा पीढ़ी यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं। मोटरसाइकिल पर तीन जने सवार होकर तेजी से चलाते हैं। इससे अन्य लोगों को समस्या हो रही है। पहले युवाओं को सुधरने की जरूरत है।
-जयलक्ष्मी बसवरेड्डी, महिला यात्री, धारवाड़,
बस स्टॉप का निर्माण करें
धारवाड़ में तथा प्रमुख तौरपर जुबली सर्कल में अधिकांश बस मार्गों पर कोई बस स्टॉप ही नहीं हैं। इसलिए बसें सड़क के किनारे ही खड़ी हो रही हैं। इससे यातायात में परेशानी हो रही है। जुबली सर्कल में किसी भी वाहन को रुकने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इससे यातायात की समस्या का समाधान होसकता है। किसी भी वाहन को सर्कल से आगे जाकर खड़े होना चाहिए, ताकि पिछे वाले वाहनों को आने जाने में समस्या नहीं हो।
-सुमंगला हिरेमठ, महिला यात्री, धारवाड़,
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Published on:
28 Jun 2023 07:21 pm
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