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नदी घाटियों में गिरते जल स्तर से सीडब्ल्यूसी चिंतित

दक्षिण भारत के जलाशयों में केवल 48 प्रतिशत पानी उपलब्ध

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नदी घाटियों में गिरते जल स्तर से सीडब्ल्यूसी चिंतित

नदी घाटियों में गिरते जल स्तर से सीडब्ल्यूसी चिंतित

विजयवाड़ा . केंद्रीय जल आयोग ने जलाशयों में गिरते जल स्तर पर केंद्र सरकार और राज्यों को आगाह किया है। केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र में सीडब्ल्यूसी ने कहा कि देश में 150 जलाशयों में जल स्तर इतिहास में अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। कृष्णा और पेन्ना नदी की घाटियों में जल स्तर चिंताजनक स्तर पर है।
सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दक्षिणी राज्यों की कुल क्षमता 53.334 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी है लेकिन वर्तमान क्षमता केवल 25.361 बीसीएम है। इसका मतलब यह है कि दक्षिण भारत के जलाशयों में केवल 48 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इस अवधि के दौरान जल स्तर 92 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों तेलुगु राज्यों में जल क्षमता 11.121 बीसीएम है, जिसमें इस साल जलाशयों में जल स्तर गिरकर 2.815 बीसीएम होने पर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इस समय तक दोनों तेलुगु राज्यों के जलाशयों में कुल 98 प्रतिशत पानी था।
मध्य भारत के जलाशयों में जल स्तर 83 प्रतिशत, पश्चिमी भारत में 88 प्रतिशत, पूर्वी भारत में 77 प्रतिशत और उत्तर पूर्वी राज्यों में 89 प्रतिशत है। सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दक्षिणी राज्यों में जलाशयों में जल स्तर 48 प्रतिशत तक कम हो गया है।
आंध्र प्रदेश में 108 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 301.46 टीएमसी है। हालांकि इस वर्ष केवल 35त्न पानी ही उपलब्ध है। राज्य के सभी 38,372 सिंचाई टैंकों में 93.24 टीएमसी की क्षमता के मुकाबले केवल 45.35त्न पानी उपलब्ध है। पिछले वर्ष इन जलस्रोतों में 98 प्रतिशत पानी उपलब्ध था।
कृष्णा और पेन्ना बेसिन में गिरते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए सीडब्ल्यूसी ने कहा कि बेसिन में जलाशयों की कुल क्षमता 589.67 टीएमसीएफटी है।
पिछले साल इन जलाशयों में 504.87 टीएमसीएफटी पानी था जबकि इस साल केवल 240.18 टीएमसीएफटी पानी है, जो उनकी कुल क्षमता का 48त्न है। पेन्ना बेसिन में, जलाशयों की भंडारण क्षमता 239 टीएमसीएफटी है, जिसमें से इस वर्ष केवल 89 टीएमसीएफटी पानी उपलब्ध है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कुल क्षमता का 37.15त्न है।
इस वर्ष कम बारिश के कारण किसानों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ा है। सीडब्ल्यूसी ने राज्यों और केंद्र को इन जलाशयों, विशेषकर आंध्र प्रदेश में कृष्णा और पेन्ना बेसिन में जल स्तर बढ़ाने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनाने की सलाह दी है।