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हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दी

आंध्रप्रदेश का कौशल विकास घोटाला मामला

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हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दी

हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दी

विजयवाड़ा . उच्च न्यायालय ने कथित कौशल विकास मामले में टीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दे दी। यह देखते हुए कि सीआईडी द्वारा लगाए गए आरोप और जमानत देने का विरोध करने वाले कारण पर्याप्त सामग्री द्वारा समर्थित नहीं हैं, न्यायमूर्ति टी मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि कथित अपराध में नायडू की संलिप्तता का संकेत देने के लिए प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है और उन्हें जमानत दे दी गई। न्यायमूर्ति राव इस तर्क से भी सहमत थे कि मामले के अन्य सभी आरोपियों को मामले में नियमित या अग्रिम जमानत दी गई है।
निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद नायडू ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। टीडीपी प्रमुख की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और दम्मलापति श्रीनिवास ने अदालत को बताया कि कथित मामला राजनीति से प्रेरित था और चुनाव से पहले उन्हें जेल में रखने के गलत इरादे से दर्ज किया गया था। चूंकि सीआईडी कथित अपराध में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत पेश करने में विफल रही है। उनकी उम्र और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों पर भी विचार करते हुए उच्च न्यायालय से जमानत देने का आग्रह किया।
एचसी ने पूर्व में मुख्य जमानत याचिका के निपटान के लिए लंबित अंतरिम आवेदन का निपटारा कर चिकित्सा आधार पर नायडू को अंतरिम जमानत दे दी थी।
अतिरिक्त महाधिवक्ता पोन्नवोलु सुधाकर रेड्डी ने जमानत देने का विरोध करते हुए तर्क दिया कि नायडू उस मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं, जहां 371 करोड़ रुपए की सार्वजनिक धनराशि को फर्जी कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट किया गया और हवाला लेनदेन के माध्यम से स्थानांतरित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि संपूर्ण कौशल विकास परियोजना सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने के लिए बनाई गई थी और अंतिम लाभार्थी नायडू और उनकी टीडीपी थी, क्योंकि कथित अपराध की अवधि के दौरान पार्टी के खातों में भारी मात्रा में नकदी जमा हुई थी।