विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम द्वारा दिखाए गए कथित पक्षपातपूर्ण रवैये और सत्ता पक्ष के विधायकों के सदन में अभद्र व्यवहार के विरोध में लिया फैसला
विजयवाड़ा . आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तदेपा) के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम द्वारा उनके प्रति दिखाए गए कथित पक्षपातपूर्ण रवैये और सत्ता पक्ष के विधायकों के सदन में अभद्र व्यवहार के विरोध में विधानसभा और विधान परिषद के बाकी सत्रों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। राज्य विधानसभा और परिषद सत्र गुरुवार से शुरू हुआ और 27 सितंबर तक चलेगा।
आन्ध्र प्रदेश तेदपा इकाई के अध्यक्ष के अत्चन्नायडू ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि पार्टी ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया है और अध्यक्ष को इसे पूरा तरह से पढऩा होगा। हालांकि सीताराम ने स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया।
तेदेपा ने पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से माफी मांगने की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया।
तेदपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री नायडू के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को हटाने की भी मांग करती है। अच्चेन्नायडू ने कहा कि तेदपा सदस्यों को बेकार कहने और सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी विधायकों को सदस्यों के रूप में बताने पर हमारा अध्यक्ष पर से विश्वास खत्म हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीताराम ने अपनी टिप्पणियों से अध्यक्ष के पद की गरिमा को कमतर किया है।
अच्चेन्नायडू ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सदन में तेदपा के केवल 17 विधायक हैं, लेकिन हमारे आसपास 200 से अधिक मार्शल हैं। उन्होंने विधानसभ अध्यक्ष की निंदा करते हुये कहा कि सीताराम के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण आन्ध्र प्रदेश विधानसभा वाईएसआरसीपी पार्टी कार्यालय बन गई है।
तेदपा प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा में मोबाइल फोन ले जाने पर लगाए गए प्रतिबंध पर भी आपत्ति जताई। इस बीच पार्टी सदस्यों ने विधानसभा में दूसरे दिन भी अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचकर हंगामा किया।
तेदपा विधायक हाथों में तख्तियां लिए विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास खड़े होकर 'साइको रूल' जाना चाहिए जैसे नारे लगा रहे थे। वित्त और विधायी मामलों के मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ रेड्डी और सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने तेदपा सदस्यों द्वारा लगाए गए नारे पर आपत्ति जताई।