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VIDEO:चारमीनार की देखरेख में अनदेखी, मीनार का हिस्सा टूट कर गिरा,इस वजह से जर्जर हो रही 427 साल पुरानी धरोहर

एएसआई कर रहा है चारमीनार की मरम्मत का काम...  

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MINAR

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(हैदराबाद): हैदराबाद का 427 साल पुराना ऐतिहासिक स्मारक चारमीनार लापरवाही के कारण खराब हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप इसकी एक मीनार को नुकसान पहुंचा है। बुधवार रात चारमीनार के एक मीनार का हिस्सा टूट कर गिर गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस हिस्से के टूटने का एक कारण बेमौसम बारिश भी है। मक्का मस्जिद की तरफ के मीनार पर ग्रेनाइट पत्थर से प्लास्टर अलग हो गया और देर रात को गिर गया, जिससे स्मारक के आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। चूंकि यह घटना देर रात को घटी, चारमीनार के आसपास कोई लोग नहीं थे और कोई ईतर नुक्सान भी नहीं हुआ। इसका वीडियो भी सामने आया है जो लापरवाही के कारण जर्जर हो रहे चारमीनार की दुखभरी दास्तां को बया कर रहा है।

स्थानीय पुलिस ने चारमीनार के परिसर का निरीक्षण किया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों से बात की। एएसआई के अधिकारी आज परिसर का दौरा कर, उसका निरीक्षण करेंगे। पिछले 2 वर्षों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस ऐतिहासिक इमारत के चारों मीनारों की मरम्मत पर काम कर रहा है। विशेषज्ञों ने आरोप लगाया है कि हैदराबाद के प्रसिद्द चारमीनार की मरम्मत के लिए घटिया और कम गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। कल रात इसके बाहरी प्लास्टर में दरार आ गई। दरार भरने और दोबारा प्लास्टर के लिए चूना, रेत, गुड़, अंडे, माजूफल और मार्बल पाउडर का इस्तेमाल किये जाने का दावा किया जा रहा है।


इतिहासकार मोहम्मद सफीउल्लाह ने हमें बताया कि मीनारों के संरक्षण का काम हाल ही में अधिकारियों द्वारा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्त्तमान पतन का कारण चारमीनार की मरम्मत में इस्तेमाल की गई बेमेल सामग्री हो सकता है। हालांकि इसका वास्तविक कारण अधिकारियों द्वारा परिसर का निरीक्षण करने के बाद ही पता चल सकता है। सफीउल्लाह ने याद किया कि इससे पहले सन् 2000 में, बारिश के कारण एक मीनार से चूने के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिर गया था और एएसआई ने बाद में उसकी मरम्मत की थी।


बता दें कि चारमीनार का निर्माण कुतुब शाही साम्राज्य के पांचवें शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में कराया था। भूतल से 160 फीट ऊंची चारमीनार 427 साल पुरानी धरोहर है। इसमें चार मीनारें हैं जिसके कारण इसका नाम चारमीनार है। लाखों पर्यटकों के लिये यह आकर्षण का केन्द्र रहा है। नागरिक इसके बारे मेंं बरती जा रही लापरवाही से खासे नाराज हैं।