
nagar nigam indore
इंदौर.
शहर की 101 अवैध कॉलोनियों को निगम वैध करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही इन्हें काटने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी है, लेकिन इन 101 अवैध कॉलोनियों को काटने वाले १८ कॉलोनाइजर्स की मौत हो चुकी है। ऐसे में अब नगर निगम इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
नगर निगम ने शहर में मौजूद 572 अवैध कॉलोनियों की सूची जारी की थी। जिसमें से 101 को उन्होने वैध करने के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। इसके साथ ही अवैध कॉलोनियों को बसाने वालों के खिलाफ भी नियमानुसार कानूनी कार्रवाई के लिए निगमायुक्त ने अफसरों को कहा था। निगमायुक्त के निर्देश के बाद निगम के अफसरों ने 101 अवैध कॉलोनियों को बसाने वालों की जानकारी जुटा ली है। निगम के अफसरों की जानकारी के मुताबिक इसमें से १८ कॉलोनाइजर्स पहले ही दुनिया को छोड़ चुके हैं। और नियमानुसार मृतक के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है, जिसके चलते निगम ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है।
बाकी को छोड़ा निगम ने
अवैध कॉलोनी बसाना म्यूनिसिपल एक्ट के तहत अपराध है। जिसकी 10 साल की सजा का प्रावधान है और जैसे ही इसकी जानकारी लगती है तुरंत निगम को कार्रवाई करना है। निगम ने शहर में 572 अवैध कॉलोनियों की सूची तो तैयार कर ली, लेकिन इन सभी कॉलोनियों को बसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हुए केवल 101 कॉलोनियों के कॉलोनाइजर्स पर ही कार्रवाई कर बाकी को छोडऩे की तैयारी की जा रही है।
पुलिस सहयोग में भी दिक्कत
नगर निगम के भवन अधिकारियों ने कुछ कॉलोनाइजर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन ये कॉलोनियां एक से ज्यादा थाना क्षेत्र में आती हैं, ऐसे में इनके खिलाफ एफआईआर किस थाने में की जाए, इसको लेकर भी पुलिस के अफसर खुद को बचा रहे हैं। जिसके चलते एफआईआर दर्ज नहीं हो पाया है।
इन कॉलोनियों के कॉलोनाइजर्स की हो गई मौत
मेहता कॉलोनी गाडराखेड़ी, खासगी का बगीचा, बद्रीधाम टिगरियाबादशाह, कारसदेवनगर, गणेशनगर सुखलिया, रूपनगर, न्यू गौरीनगर सेक्टर आई (दो मे से एक कॉलोनाइजर की मौत हो चुकी), भगवतीनगर सुखलिया (दो मे से एक कॉलोनाइजर की मौत हो चुकी), कादर कॉलोनी खजराना, अली कॉलोनी, हारून कॉलोनी, निर्मलनगर पिपल्याहाना, बनवारीनगर पालदा, गणेशनगर पालदा, दुर्गानगर-न्यू दुर्गानगर हुक्माखेड़ी, राणा कॉलोनी, जयश्रीनगर सिरपुर, न्यू नगीननगर, श्रीपद नगर खजराना।
0 नियमों के हिसाब से मृतकों के खिलाफ एफआईआर नहीं हो सकती है। इसके चलते मृत कॉलोनाइजर्स को छोड़कर सूची में मौजूद बाकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सभी भवन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
ृ- देवेंद्रसिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम
Published on:
26 Jul 2018 06:01 am
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