
2042 में महानगर इंदौर की जनसंख्या 73.5 लाख, हाई डिमांड कॉरिडोर, मेट्रो और मल्टी नोडल इंटीग्रेटेड पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम जरूरी
इंदौर. संदीप पारे . शहर के महानगरीय की तरह विस्तार को देखते हुए सरकार ने भविष्य की तैयारियां शुरू कर दी है। शहरी विकास मंत्रालय के साथ मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन शहर में ट्रैफिक सुधार व आवाजाही के लिए एक विस्तृत कांप्रेहेंसिव्ह मोबेलिटी प्लान तैयार कर रही है। प्रारंभिक सर्वे के बाद अरबन मास ट्रांजिट कंपनी द्वारा गुरूवार को ड्राफ्ट प्लान प्रस्तुत किया गया। जिसमें शहर के 2042 तक होने वाले फैलाव, जनसंख्या, ट्रैफिक व नागरिकों की आवाजाही के दबाव को देखते हुए विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत की है। बैठक में चार मेट्रो कॉरिडोर को चिन्हिंत कर काम करने के लिए कहा गया है।
एजेंसी द्वारा प्रस्तुत प्लान के अनुसार शहर उस समय शहर की जनसंख्या 73.5 लाख होगी। इसमें 32.9 लाख लोग कामकाज के लिए आवाजाही करेंगे। शहर का विस्तार देवास, उज्जैन, धार की ओर होगा। इसलिए भविष्य में शहर को बेहतर मेट्रो व मल्टी नोडल इंटीग्रेटेड पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की जरूरत होगी। इसे देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर, लोक परिवहन के विभिन्न मॉड का इंटीग्रेशन व अन्य जरूरी व्यवस्थाएं करना होगी।
प्लान के अनुसार मेट्रो व लोक परिवहन पर जोर देना होगा। वहीं मास्टर प्लान की सड़के, फ्लाय ओवर व अन्य विकल्प तैयार करना होंगे। मध्य शहर में जनसंख्या घनत्व बड़ते जाएगा। आसपास फैल रहे आवासीय, व्यावासायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में आवाजाही के लिए मेट्रो का नेटवर्क बनाना होगा। बैठक में कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, मेट्रो जीएम केसी चौहान, संयुक्त संचालक एसके मुदगल, आइडीए सीइओ आरपी अहिरवार, डीएसपी ट्रैफिक बंसत कौल व सुनील शर्मा मौजूद थे। आगे क्या होगा अब ड्राफ्ट प्लान के आधार पर प्रशासन, नगर निगम, आइडीए मिल प्राथमिकताएं तय करेंगे। इसके आधार पर पहले फेज का अंतिम प्लान तैयार किया जाएगा।
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यह िस्थति
- 20 साल बाद जनसंख्या होगी 73.5 लाख, इसमें 32.9 लाख होंगे कामकाजी यह चाहिए
- आवाजाही के लिए बड़ा ट्रैफिक इ्रफ्रा, आधुनिक इंटीग्रेटेड लोक परिवहन यह बनाना होगा
- 124 किमी के मेट्रो कॉरिडोर, पांच साल में 225 किमी सड़के और 37 फ्लाय ओवर व ग्रेड सेपरेरटर
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यह करना होगा
- मेट्रो के विस्तार कॉरिडोर - अगले 20 साल में शहर का विस्तार देवास, उज्जैन, पीथमपुर, धार की ओर होगा। इन तक सुगम आवाजाही के लिए लाइट मेट्रो, रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, ब्राडगेज मेट्रो जैसे विकल्प तैयार करना होगा। इसके लिए कुल 272 किमी की लाइनें डालना होगी। इसमें 124 किमी के रूट पर प्राथमिकता से विचार करना होगा।
चार मेट्रो कॉरिडोर चिन्हिंत
- इंदौर एयरपोर्ट से कनाडिया
- इंदौर - महू - पीथमपुर
- इंदौर से उज्जैन
- इंदौर धार रोड
- सड़कों के हाई डिमांड कॉरिडोर की प्राथमिकता - मास्टर प्लान की प्राथमिक सड़कों को तय करना होगा, जिन्हें शामिल करके ट्रैफिक सुगम बना सकें।
- मिसिंग लिंक बनाना - वर्तमान में कई सड़कों को आपस में जोड़ने के लिए बीच की सड़के नहीं बनी है। इन लिंक को बना कर ट्रैफिक को सुगम बनाना होगा। - सिटी बस रूट्स का संयुक्तीकरण
- लोक परिवहन के लिए सिटी बसें, ई रिक्शा, वेन व अन्य विकल्पों का संयुक्तीकरण करना होगा। इसके लिए वर्तमान सिटी बस रूट्स को इनके साथ रेशनलाइज करना होगा।
- इलेक्टि्रक व्हीकल प्रमोशन - कार्बन इमिशन कम करने के लिए इलेक्टि्रक व्हीकल जैसे विकल्पों पर जोर देने की जरूरत है।
- सायकल के लिए लूप - बैठक में मोटराइज्ड वाहनों की संख्या कम करने के विकल्पों पर विचार किया। इसके लिए इस तरह के सायकल लूप बनाएं जिसे लोक अपने कार्यालय आने-जाने के लिए उपयोग करें।
Published on:
10 Feb 2023 01:17 pm
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