अधिकांश की मृत्यु हार्ट अटैक सेडॉ. रावत ने कहा, इस रिसर्च में अधिकांश डॉक्टर्स की मृत्य की वजह हार्ट अटैक सामने आई है। इसीलिए वही कार्य करना चाहिए, जिसमें आप आनंद महसूस करते हैं। आपको खुश रखने का अधिकार सबको दो, लेकिन मूड खराब करने का अधिकार किसी को भी नहीं। हृदयाघात से भी बड़ी समस्या है विचाराघात।[typography_font:14pt;” >इंदौर. डॉक्टर्स अपने मरीजों को स्वस्थ जीवन शैली जीने की सलाह देते हैं, लेकिन खुद हेल्दी लाइफ स्टाइल को फॉलो नहीं कर पा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पुणे की एक रिसर्च में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। महाराष्ट्र के 8 हजार और देश के अन्य हिस्सों के 6 हजार डॉक्टर्स पर हुई इस रिसर्च में सामने आया कि पिछले कुछ सालों में एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में डॉक्टर्स की आयु 8 से 10 वर्ष कम हुई है। ये जानकारी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.भरत रावत ने होटल रेडिसन में ‘लेट्स एंजॉय वॉट वी डू’ विषय पर हुए सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में कही। इस सेमिनार में 80 से अधिक डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया। डॉ. रावत ने कहा, इसका सबका सबसे बड़ा कारण है लाइफ स्टाइल में हुए बदलाव। सही समय पर भोजन और पर्याप्त नींद नहीं मिल पाने की वजह से कई तरह की बीमारियां डॉक्टर्स में देखी गई हैं। डॉ. रावत बताते हैं, तनाव और खान-पान में बदलाव का असर डॉक्टर्स पर भी देखने को मिला है। एम्स की एक रिसर्च के अनुसार 25 से 30 प्रतिशत डॉक्टर्स को बीपी की समस्या है। हर चार में से एक डॉक्टर बीपी का मरीज है, जो कि चिंताजनक स्थिति है। डॉक्टर्स भी साइकोलॉजिकल परेशानियां होती हैं, जिसमें डिप्रेशन एक बड़ी समस्या है।डॉ. रावत ने कहा, पिछले दो सालों में इंदौर में एक पॉजिटिव चेंज देखने को मिला है। शहर के डॉक्टर्स की रुचि फिजिकल एक्टिविटीज में बढ़ी है। वे बढ़-चढक़र मैराथन और साइकिलिंग के इवेंट में हिस्सा लेते हैं, जो काफी अच्छा बदलाव है। इसके अलावा एक नई चीज ये भी देखने को मिली है कि डॉक्टर्स में स्मोकिंग की हैबिट कम हुई है। अपनी लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही खुलकर हंसना चाहिए।रात 10 बजे के बाद न करें मोबाइल का प्रयोगहमारे शरीर में नींद के लिए मेलाटोनिन हॉर्मोन का रिसाव होता है। ज्यादा समय तक मोबाइल, लैपटॉप आदि का प्रयोग हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता और मेलाटोनिन के रिसाव को कम कर देता है। इसके कारण नींद न आने की समस्या होती है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि रात 10.00 बजे बाद मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए और सकारात्मक विचारों के साथ सोना चाहिए। रात का खाना 7.30 से 8.00 बजे के बीच कर लेना चाहिए और सुबह 5.00 बजे उठकर एक्सरसाइज करना चाहिए।