
एसजीएसआइटीएस के इनक्यूबेशन फोरम का होगा विस्तार, अन्य विभागों की लेंगे मदद ताकि ज्यादा को मिले मौका, यूनिक आइडियाज पर रहेगा जोर
प्रतिभावान इंजीनियर देने वाले एसजीएसआइटीएस कॉलेज ने इनोवेशन के साथ खुद का स्टार्टअप करने वालों को बढ़ावा देने के लिए 7 साल पहले इनक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की। 7 साल में 55 स्टार्टअप यहां से निकले और खुद को बाजार में स्थापित किया। कॉलेज ने इन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई, एलुमिनी मेंटर बने तो युवा सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए। अब इसका फायदा ज्यादा लोगों को मिले इसलिए विस्तार के साथ अन्य एजेंसी व विभागों की मदद लेने की तैयारी है।
एसजीएसआइटीएस कॉलेज के सेंटर फॉर इनोवेशन, डिजाइन व इनक्यूबेशन की स्थापना अप्रेल 2018 में हुई थी। उद्देश्य था कि ऐसे युवा जिनके पास अपने नए बिजनेस स्टार्टअप का आइडिया है उसे मार्केट रिसर्च, व्यापार संभावना की जानकारी देकर स्थापित करने में मदद की जाए। वर्ष 2019 में इसे इनक्यूबेशन फोरम का रूप दिया गया जहां फंडिंग भी उपलब्ध कराई गई। डायरेक्टर अपूर्व गायवाक, तरुण सक्सेना के साथ एक टीम इनकी मदद के लिए तैनात रहती है।
22 स्टार्टअप को 2.35 करोड़ की फंडिंग, 3 करोड़ अब भी उपलब्ध
इनक्यूबेशन फोरम में साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाले डीएसटी निधि से स्टार्टअप को फंडिंग कराई गई। वर्ष 2023 के अंत में स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम से भी फंडिंग शुरू हो पाई। स्कीम के तहत करीब एक करोड़ रुपए विभिन्न स्टार्टअप्स को दिए गए, करीब दो करोड़ रुपए अभी फंड में शेष है। इसी तरह डीएसटी निधि के तहत करीब 1 करोड़ उपलब्ध है। 22 स्टार्टअप्स को करीब 2 करोड़ 35 लाख की फंडिंग हो चुकी है। अलग-अलग कमेटियां आइडिया की परख के बाद फंड मंजूर करती हैं।
18 महीने में खुद को स्थापित करने का मौका
अगर आइडिया अच्छा है तो छह महीने में उसे विकसित किया जाता है। मार्केट रिसर्च होता है, 18 महीनेे का मौका दिया जाता है, कॉलेज के एलुमिनी एक्सपर्ट मेंटर के रूप में सहयोग करते हैं। उनकी इंडस्ट्री के जरिए भी मदद की जाती है। यहां स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए जरूरी कम्प्यूटर, साॅफ्टवेयर, प्रिंटर, लेजर प्रिंटर आदि जीएसआइटीएस प्रबंधन की ओर से उपलब्ध है। एक टीम भी है जो स्टार्टअप को प्रमोट करने व अन्य मदद के लिए तैयार रहती है।
108 सीटर इनक्यूबेशन सेंटर जल्द होगा उपलब्ध
कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर के विस्तार का काम किया जा रहा है। नए परिसर में 108 सीट उपलब्ध हैं जहां स्टार्टअप करने वालों को काम करने के लिए जगह उपलब्ध होगी। काम की आवश्यकता अनुसार 16 कैबिन भी बनाए जा रहे हैं, यहां शुल्क लेकर वर्क स्पेस उपलब्ध कराया जाएगा।
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इलेक्ट्रिक साइकिल, व्हीकल बनाने वाले स्टार्टअप ने लिया बड़ा रूप
यहां काम करने वाले स्टार्टअप ने इलेक्ट्रिक साइकिल व लाइट वेट इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाए जो डिलीवरी बॉयज के काम आ रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग रोकने एल्यूमीनियम बॉटल में ऑइल पैकिंग का स्टार्टअप आगे बढ रहा हैै। थूक की गंंदगी को फैलने से रोकने के लिए स्टार्टअप ने स्पीट कप बनाया, जिसमें थूक को सॉलिड फाॅर्म मिल जाता है। कोरोना काल में यह कारगर भी रहा।
स्टार्टअप को करते हैं मदद, अन्य विभागों की मदद लेकर बढ़ेंगे आगे
नए इनवोशन व आइडिया के साथ आने वाले युवा को स्टार्टअप शुरू करने में इनक्यूबेशन फोरम मदद करता है। यहां स्टार्टअप से संबंधित रिसर्च, उपकरण, वर्क स्पेस के साथ फंडिंग उपलब्ध कराई जाती है। अलग-अलग क्षेत्रों में स्थापित होने वाले एक्सपर्ट व एल्यूमिनी मदद करते हैं। स्टार्टअप इंडिया से पिछले साल फंडिंग शुरू हुई है। सरकार के स्टार्टअप इंडिया, एमएसएमइ विभाग की मदद ली जा रही है। नए परिसर व सीट उपलब्ध होने पर अलग-अलग एजेंसी के साथ ही आइटी व टेक्निकल विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा।
Published on:
04 Oct 2024 11:47 am
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