
बैंक से लेकर स्कूल तक में आधार, अपडेशन से लेकर नए कार्ड बनवाने में लोगों की हो रही फजीहत
इंदौर। तीन दिन से लगातार सुबह ७ बजे से ही आधार कार्ड में संशोधन के लिए लाइन में लग जाती हूं, लेकिन नंबर नहीं आ रहा । छोटा बच्चा और बूढ़ी सास के साथ संगमनगर से जीपीओ पोस्ट आफिस तक आना पड़ रहा है। यह पीड़ा लक्ष्मीबाई पति संजय रजलीवाल की है। एेसी ही पीड़ा नंदानगर पोस्ट आफिस पर अपनी बेटी के साथ पहुंची सपना साहू निवासी गौरी नगर की है। खुद के कार्ड में नाम में स्पेलिंग मिस्टेक और बेटी के आधार में सरनेम परिवर्तन के लिए दो दिन से परेशान होकर आखिरकार शुक्रवार को नंबर आया। शहर में एेसे हाल अमूमन सभी ४० सेंटरों पर हैं। हर केंद्र पर आमजन की पीड़ा को समझने को अफसर तैयार ही नहीं हैं। सरकारी समय अनुसार सुबह १० बजे केंद्र पर कर्मचारी पहुंचते और शाम ५ बजे के पहले सिस्टम शट डाउन हो जाता है।
शहर में इन दिनों आधार कार्ड नए बनवाने से अधिक उनमें सुधार कराने वालों की भीड़ है। यूनिक आईडेंटीफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया (यूआईडीए) आधार द्वारा दिसंबर २०१७ में प्रायवेट आधार केंद्र बंद कर दिए। इसके बाद जनवरी से आधार केंद्र महज सरकारी परिसरों में ही संचालित किए जाने की अनुमतियां दी गई। जबकि वर्तमान में आधार कार्ड सभी जगह मांगे जा रहे हैं, फिर मोबाइल कंपनी से लेकर बैंक और आरटीआई में हो रहे बच्चों के एडमिशन तक में आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं। एेसे स्थिति में जिन लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं और नाम की स्पेलिंग, पता, सरनेम आदि में संशोधन कराए जाने के लिए अब वे भटक रहे हैं। शहर में आमजन की आधार से जुड़ी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है। शहर में वर्तमान में सरकारी परिसर जैसे बैंक, पोस्ट आफिस, कलेक्टोरेट आदि में बनाए जा रहे हैं।
२० से २५ फार्म ही-
आधार कार्ड केद्रों पर लोग सुबह से ही आना शुरू हो जाते हैं। सुबह ७ बजे तक भारी भीड़ हो जाती है। शहर के अधिकांश आधार कंेद्रों की हालत एेसी है। यहां पर कर्मचारी सुबह १० बजे सिर्फ २५ लोगों को टोकन देते हैं। शेष भीड़ निराश और हताश व्यवस्था को कोसते हुए घर की और लौट जाती है।
बैंकों में सन्नाटा, पोस्ट आफिसों पर भीड़
सुबह शहर के ८ से १० आधार कंेद्रों पर पत्रिका टीम ने पाया कि पोस्ट आफिसों में अधिक भीड़ है, वहीं बैंक मंे लोग पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। जहां निजी केंद्रों में बन रहे हैं वहां भी अधिक भीड़ है। बाणगंगा मेन रोड पर और नंदानगर पानी की टंकी के पास हर दिन १०० लोगों के आधार कार्ड का काम हो रहा है। यहां दो मशीन हैं जबकि सरकारी परिसरों में सिर्फ एक मशीन से ही काम हो रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक अफसरों को जानकारी नहीं
बैंक में बन रहे आधार कार्ड की जानकारी लेने मालवा परिसर स्थित आईसीआईसीआई बैंक सुबह १०.३० बजे पहुंचे, तो वहां स्टॉफ मीटिंग में व्यस्त था। यहां बमुश्किल चार पांच लोग ही आधार कार्ड बनवाए आए थे। तकरीबन ३० मिनिट तक चली मीटिंग के बाद आधार कार्ड के लिए लोगों को नंबर दिए गए। यहां बैंक मैनेजर और डिप्टी बैंक मैनेजर को आधार कार्ड बनवाने आने वालों की कोई जानकारी नहीं थी
यहां बैंक मेनेजर चाहते हैं अधिक लोग आएं
दूसरी और एबी रोड पर कुछ दूरी पर पंजाब एंड सिंध बैंक में अलग ही नजारा नजर दिखा। यहां बैंक मैनेजर खुद आधार के लिए आने वाले लोगों को सपोर्ट करते नजर आए। ब्रांच मेनेजर नागेंद्र कुमार चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग आधार कार्ड के लिए आएं। उनका मानना है कि इससे बैंक की भी आय हो रही है और आमजन को सुविधाएं भी मिल रही है।
Published on:
26 May 2018 06:12 am
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