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चौंक गए लोग जब रैम्प वॉक करती दिखाई दी एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी

लोगों के दिमाग से ‘एसिड’ निकलेगा तब आएगा चेंज, फिक्की फ्लों के फैशन शो ‘फ्लो डिवा’ में बोली, एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी

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acid attack survivor laxmi

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इंदौर. शहर में हर सप्ताह कई फैशन शो होते हैं, लेकिन रविवार को फिक्की फ्लो की ओर से होटल रेडिसन में आयोजित ‘फ्लो डिवा’ कुछ खास था। ये एक नया नजरिया, एक नई सोच देता है और नई ताकत मन में भर देता है। शो स्टॉपर के रूप में एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी रैंप पर आती हैं तो हर शख्स खड़ा होकर उस ताकत और जज्बे को तालियों की गडग़डाहट के साथ सलाम करता है। लक्ष्मी बताती हैं कि जीत का जज्बा मन में होता है और खूबसूरती चेहरे से नहीं होती।

अगर खूबसूरती चेहरे से होती तो आज मैं इतने लोगों के बीच मौजूद न होती। कोई आपके चेहरे पर एसिड डाल सकता है, लेकिन सपनों पर नहीं। मुझे लगता है कि लोगों को बदलाव के लिए अपने दिमाग से एसिड निकालने की जरूरत है। जब दिमाग से एसिड खत्म होगा तो फिर कोई दूसरी लक्ष्मी यह पीड़ा नहीं उठाएगी। मैं एसिड अटैक विक्टिम नहीं हूं और न ही कोई और महिला जो किसी हादसे का शिकार हुई है वो विक्टिम होती है। हम सर्वाइवर है, फाइटर है और गर्व है कि हम विनर है।

उन्होंने अपने साथ हुए हादसे के बारे में कहा कि ये बात साल 2005 की है जब मैं 15 साल की थी। हर लडक़ी की तरह मेरी आंखो में भी क ई सपने थे। मैं सिंगर बनना चाहती थी। फैमिली ने मना किया तो कम उम्र में जॉब भी की। वो लडक़ा मुझे ढाई साल से जानता था और उसकी उम्र 32 साल थी। 19 अप्रैल को उसने शादी के लिए मैसेज किया। मैंने जवाब नहीं दिया। 21 अप्रैल को भी जवाब मांगा, लेकिन मैंने अनदेखी की।

22 अप्रैल को खान मार्केट से निकलते वक्त वह बाइक पर एक लडक़ी के साथ आया। लडक़ी ने मुझे देर तक घूरा और बोतल में भरा एसिड मेरे चेहरे पर डाल दिया। मैं सडक़ पर तड़पती रही, लेकिन काफी देर बाद एक व्यक्ति ने मदद की। हॉस्पिटल जाते वक्त ऐसा महसूस हो रहा था मानो मेरे हाथ और चेहरा प्लास्टिक की तरह पिघल रहा हो। जब घर पहुंची तो मम्मी-पापा ने सारे शीशे हटा दिए। जब चेहरा देखा तो आत्महत्या का ख्याल आया। पापा से कहा कि जीना नहीं चाहती पर उन्होंने हिम्मत दिलाई।

बुर्का हटाकर किया दुनिया का सामना
लक्ष्मी ने कहा कि मैं पहले बुर्का पहन कर निकलती थी, लेकिन बाद में छोड़ दिया। मैंने महसूस किया कि मुझे चेहरा छुपाने की नहीं है बल्कि समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। साल २००७ में पीआईएल डाली और एसिड न बिकने की मांग की। हर महिला को खुद के लिए खड़ा होना होगा।

ज्योति गर्ग बनी फ्लो डिवा : फैशन शो में 14 पार्टिसिपेंट्स ने भाग लिया, जिसमें ज्योति गर्ग फस्र्ट विनर रही। सेकंड और थर्ड रनरअप क्रमश: श्रद्धा सजोतिया और सुरभि चौधरी रही। फैशन शो में वेस्टर्न और ट्रेडिशनल दो राउंड हुए। क्वेश्चन-आंसर राउंड में पार्टिसिपेंट्स को करप्शन, सोशल मीडिया, ट्री प्लांटेशन जैसे सब्जेक्ट पर एक मिनट में राय रखी थी। शो में जज की भूमिका में कमांडो ट्रेनर सीमा राव, मिसेज यूनिवर्स फाइनलिस्ट पल्लवी कौशिक व एक्टर नीतिश भारद्वाज शामिल हुए। कार्यक्रम में कलेक्टर निशांत वरवड़े, कमिश्नर संजय दुबे, पत्रिका के जोनल हेड आरआर गोयल उपस्थित थे। फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन नेहा मित्तल ने आभार माना।