
ridhima tiwari
इंदौर. मुझे लगता है कि फेस्टिवल हमें मोनोटोनस लाइफ से बाहर निकलने का मौका देते हैं। इसके साथ ही रिचुअल्स हमें अपने ट्रेडिशन और रूट्स से जोड़े रखने में मदद करते हैं। यह कहना है बॉलीवुड और टेलीविजन एक्ट्रेस रिद्धीमा तिवारी का। वह सोमवार को अपने भाई अभिषेक को राखी बांधने के लिए इंदौर में थीं।
इस दौरान पत्रिका से विशेष बातचीत में रिद्धीमा ने कहा कि बचपन में रक्षाबंधन का हमें साल भर इंतजार रहता है। बचपन में राखी के दिन हम दोनों भाई-बहन फास्ट करते थे और घर में बनने वाले पकवानों की खुशबू से ही हमें भूख लगने लगती थी। हमें इस बात का इंतजार रहता था कि कब राखी बांधे और उसके बाद लजीज व्यंजनों को खाने का मौका मिला। इसके साथ ही हर रक्षाबंधन के लिए हम पापा-मम्मी के साथ फोटो क्लिक कराने के लिए स्टूडियो जाते थे और वहां से आने के बाद हम सभी भाई-बहन के रिलेशन पर बेस्ड मूवी देखते थे।
५ दिन में शूट करना है १० एपिसोड
लाइफ ओके चैनल को रिलॉन्च करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में हमें १० एपिसोड ५ दिन में शूट करने हैं। इस वजह से काम का प्रेशर काफी बढऩे वाला है और इसके बाद मैं लंबा ब्रेक लेकर अपने आप को न्यू प्रोजेक्ट लेने से पहले रिफ्रेश करूंगी। मुंबई में अब गणेश चतुर्थी का दौर शुरू होने वाला है। इस पूरे सीजन को एंजॉय करने वाली हूं। जितनी भी फेमस गणेश पंडाल हैं वहां इस बार मम्मी के साथ जरूर जाऊंगी। इसके साथ ही खुद को अपग्रेड करने के लिए एक्टिंग और थिएटर वर्कशॉप में शिरकत करूंगी। एक्टर होने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको हर बार नया कैरेक्टर प्ले करने का मौका मिलता है। ऐसे में हमें चीजों को अलग-अलग नजरिए से देखने और समझने का मौका मिलता है।
फिल्म बेगम जान के जरिए मैंने अपने बॉलीवुड के सफर की शुरुआत की थी। फिल्म बॉक्स ऑफीस पर ज्यादा नहीं चली, इस बात की निराशा जरूर है, लेकिन मेरे किरदार को फिल्म में सराहा गया है। फिल्म में अपने किरदार में मैंने अपनी जान डाल दी थी। इस किरदार के कारण के कारण मैंने खुद में चेंज महसूस किए हैं। मुझे हमेशा से वुमन ओरिएंटेड रोल बेहद पसंद है। मैं खुद को लकी मानती हूं कि मुझे पहली ही फिल्म में इस तरह का किरदार करने का मौका मिला।
स्प्रिचुएलिटी जरूरी
मुझे स्प्रिचुअल बुक्स पढऩा बहुत पसंद है। लाइफ में स्प्रिचुएलिटी जरूरी है। इनसे हमें लाइफ में छिपी हुई बातों को समझने का मौका मिलता है ं। मेरा मानाना है कि आप लाइफ में जो भी सोचो वह जरूर होता है, भले उसमें वक्त लगे। इसके पीछे आपकी सोच पॉजिटिव होनी चाहिए।
Published on:
08 Aug 2017 04:05 pm
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