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जानिए आदित्य बिरला ग्रुप की चेयरपर्सन राजश्री बिरला से जिंदगी के सक्सेस मंत्र

डर से डरना नहीं, उम्मीद से जीत लो दुनिया

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chairperson rajshree birla

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इंदौर. डर से डरना नहीं है, उम्मीद से दुनिया जीत सकते हैं। डर से ज्यादा ताकतवर होती है उम्मीद। जिंदगी में आशावादी बने रहकर ही सफलता हासिल की जा सकती है। ये बात आदित्य बिरला ग्रुप की चेयरपर्सन राजश्री बिरला ने शुक्रवार को रुकमादेवी पन्नालाल लड्डा माहेश्वरी कॉलेज के नए ब्लॉक की इनॉग्रल सेरेमनी में कही। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। नोवेलिस्ट जेके रॉलिंग के एक कॉट से जिंदगी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी में कुछ फेलियर का आना जरूरी है। बिना असफलता पाए जीवन जीना असंभव है। अगर जिंदगी को बहुत ज्यादा सावधानी के साथ जिया जाए मतलब जीवन का आनंद ही नहीं लिया गया है तो उस समय आप सच में फेल हो जाते हैं। इसलिए रिस्क लेने से डरे नहीं। कार्यक्रम में आनंद राठी ग्रुप के चैयरमैन आनंद राठी, स्वामी गोविंद देव गिरि, राजस्थान के लोकायुक्त एसएस कोठारी विशेष अतिथि थे।

फोर सी है सक्सेस फॉर्मूला
स्टूडेंट्स को एड्रेस करते हुए राजश्री ने कहा कि लाइफ में सक्सेस के लिए इन चार बातों को जीवन में उतार लें।

कैरेक्टर बिल्डिंग : लाइफ में सबसे जरूरी है कैरेटर बिल्डिंग। एक शिक्षक का कैरेक्टर बिल्डिंग में महत्वपूर्ण योगदान होता है। बच्चों को चरित्र निर्माण के समय एक बड़ी सोच की सीख देनी चाहिए।

करेज : साहस ही सफलता का मूलमंत्र है। किसी भी नए निर्माण में साहस की जरूरत होती है। साहसी व्यक्ति ही नए बदलाव कर सकता है।

कॉन्फिडेंस : कोई भी काम बिना कॉन्फिडेंस के नहीं किया जा सकता है। आत्मविश्वास जीवन की राह में आगे लेकर जाता है।

कम्पीटेंस : बिना हार्ड वर्क के कोई सफलता नहीं मिलती है। पूर्ण समर्पित होने पर ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।
ज्ञान और पुरुषार्थ है जरूरी स्वामी गोविंद देवगिरि ने कहा कि जीवन में उन्नति के लिए दो ही चीजों का होना जरूरी है पहला ज्ञान। अगर ज्ञान नहीं है तो उन्नति का प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। इसलिए व्यक्ति को सबसे पहले ज्ञान की प्राप्ति की तरफ बढऩा चाहिए। दूसरी चीज है पुरुषार्थ। अपना कर्म पूरी लगन के साथ करें। जिस व्यक्ति के पास ज्ञान का प्रकाश और पुरुषार्थ की ताकत है उसके मार्ग में बाधा नहीं आ सकती है।

सफलता का शॉर्टकट नहीं
एसएस कोठारी ने कहा कि हर माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार दें। सफलता के लिए युवाओं को चाहिए कि संयम के साथ कार्य करें। संयम के बिना जीवन में आगे बढऩा असंभव है। आनंद राठी ने कहा कि सफलता का कोई विकल्प नहीं होता है। यंगस्टर्स बिना शॉर्टकट को ढूंढ़े अपनी मंजिल की तरफ बढ़ें।