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MP में शिक्षा विभाग में करोड़ों का घोटाला! रिश्तेदार, दोस्तों के खाते भर रहे थे कर्मचारी…

Education Department Scam: एमपी में शिक्षा विभाग में बड़ा वित्तीय फर्जीवाड़ा उजागर। कर्मचारियों ने सरकारी रकम परिजनों-दोस्तों के खातों में भेजी। भोपाल ट्रेजरी की जांच में 150 खाते फ्रीज।

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इंदौर

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Akash Dewani

Dec 28, 2025

education department scam bhopal treasury freeze bank accounts indore mp news

scam in indore education department scam (फोटो- गूगल मैप फोटो)

MP News:इंदौर शिक्षा विभाग में करीब 3 करोड़ रुपए का घोटाला (Education Department Scam) सामने आया है। कर्मचारियों ने आठ साल में सरकारी राशि परिजन, रिश्तेदार, दोस्तों के खाते में ट्रांसफर कर दी और फिर निकाल ली। ये घोटाला करीब पांच बीईओ के कार्यकाल में धीरे-धीरे किया गया और स्थानीय अफसरों को पता भी नहीं चला। भोपाल ट्रेजरी के अफसरों ने इस घोटाले को पकड़ा, जिस पर 150 बैंक खातों को फ्रीज कर जांच शुरू की गई है।

बीइओ कार्यालय में हुआ घोटाला

स्कूल शिक्षा विभाग के इंदौर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह घोटाला हुआ और आयुक्त कोष एवं लेखा, भोपाल की टीम ने गड़बड़ी पकड़ी। टीम ने जांच की तो एक ऑपरेटर और एक क्लर्क की भूमिका पता चली। प्राथमिक छानबीन में सामने आया कि वर्ष 2017 से विभाग में आर्थिक गड़बड़ी की जा रही थी। जिस भी मद में राशि शेष रह जाती, उसे दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। प्राथमिक जांच में ही पता चला कि यह राशि संदिग्ध आरोपी ने पत्नी, बच्चों, रिश्तेदारों व परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर की। करीब 150 खातों में यह भेजी गई।

गलत जानकारी देते रहे दोनों

संदिग्ध ऑपरेटर व क्लर्क से जब खातों की जानकारी मांगी तो वे टालते रहे और खाते बंद होना बताए। बाद में करीब 150 खातों को फ्रीज कराया गया। आशंका है कि रिश्तेदार परिचितों के खातों में राशि ट्रांसफर करने के बाद संबंधित कर्मचारियों ने उन्हें कुछ कमीशन देकर शेष राशि खुद हासिल की। जिस दौरान यह घोटाला हुआ, करीब पाँच बीईओ पदस्थ रहे। राशि अधिकारी के हस्ताक्षर बिना नहीं ट्रांसफर हो सकती, इस बिंदु पर भी जांच होगी।

कलेक्टर ऑफिस में पहले हो चुका ऐसा घोटाला

इंदौर के कलेक्टर ऑफिस में भी पहले शिक्षा विभाग की तरह का घोटाला सामने आ चुका है। उस मामले में कार्यालय के ही एक कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। करीब 2 करोड रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ था। इस मामले में भी रिश्तेदार-परिचितों के खातों में राशि ट्रांसफर कर हड़पी गई और उससे संपत्ति खरीदी गई थी। (MP News)

दोषियों से पैसा ब्याज सहित वसूलेंगे

संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा को जांच सौंपी है। करीब 2 करोड़ 87 लाख रुपयों की आर्थिक अनियमितता सामने आई है। जांच में जो कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर वैधानिक कार्रवाई के साथ ही राशि ब्याज सहित वसूलेंगे। - शिवम वर्मा, कलेक्टर