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एमपी ऑनलाइन की आड़ में दलाली, प्रशासन ने जब्त की 700 से ज्यादा फाइलें

-कलेक्टोरेट, नगर निगम, आइडीए और नगर व ग्राम निवेश विभाग के अफसर-बाबुओं से मिली सांठ-गांठ-जमीन संबंधित कामों में हो रहे लाखों वारे-न्यारे-आइडीए सीईओ ने कलेक्टर को सौंपी 35 दलालों की सूची

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इंदौर. प्रशासन ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एमपी ऑनलाइन की आड़ में चल रहे दलाली के बड़े अड्डे का पर्दाफाश किया है। प्रशासन व नगर निगम के अफसरों ने बंसी ट्रेड सेंटर स्थित शुभम जैन, विजय जैन एसोसिएट्स के नाम से एमपी ऑनलाइन के कार्यालय पर छापामार कार्रवाई कर 700 से ज्यादा फाइलें जब्त की हैं। प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। जांच में दलालों और शहर के सरकारी कार्यालयों के अफसरों के बीच बड़ी सांठगांठ और लेन-देन के खुलासे हो सकते हैं। मौजूद विजय जैन से काम के लिए किसी तरह की सरकारी अनुमति या अन्य दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं हुए। मौके पर मल्हारगंज एसडीएम से संबंधित कुछ दस्तावेज मिले हैं। वहीं कलेक्टर द्वारा उनके कार्य-प्रभार में बदलाव को इस कार्रवाई से जोड़ा जा रहा है।

दरअसल कलेक्टर को शहर के प्रमुख कार्यालयों में काम के लिए दलालों की सक्रियता और अफसरों को रिश्वत के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थी। साथ ही आइडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर शहर में जमीन संबंधित कार्य के लिए सक्रिय दलालों द्वारा आइडीए में सक्रियता के बारे में शिकायत की गई है। गुरुवार दोपहर 1.00 बजे कलेक्टर मनीष सिंह ने एडीएम अजयदेव शर्मा, एसडीएम पराग जैन और उपायुक्त लता अग्रवाल को बंसी ट्रेड सेंटर स्थित ऑनलाइन की जांच के लिए भेजा। बताया जा रहा है, कार्रवाई की भनक लगते ही मुख्य आरोपी वहां से भाग गया। अफसर एसडीएम, नगर व ग्राम निवेश विभाग, आइडीए के अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले शासकीय पत्र व आदेश वहां देखकर चौंक गए। साथ ही जमीन संबंधित विवादित मामलों की फाइलें भी मिली हैं, जिनको जांच के दायरे में लिया है। मौके पर मौजूद विजय जैन का कहना था, हमारे यहां लोग कलेक्टोरेट, नगर निगम व अन्य विभागों से संबंधित काम के लिए आते हैं। फीस ले कर काम किया जाता है।

एडीएम शर्मा के अनुसार कार्यालय की जांच में कई फाइलें मिली हैं, जिनका संबंध नगर निगम, आइडीए, नगर व ग्राम निवेश विभाग और कलेक्टोरेट से है। आमतौर पर जमीन या प्लॉट संबंधित कार्य इन विभागों के साथ इंटरलिंक होते हैं। एक कार्यालय के काम में दूसरे कार्यालयों की अनुमतियों की जरूरत भी होती है। आश्चर्यजनक बात यह है, जमीन संबंधित फाइलों में अधिकारियों के पत्राचार और मूल आदेश की प्रतियां मिली हैं। कई फाइलें तो नगर निगम व आइडीए से संबंधित हैं। टीम दोपहर 1.00 बजे कार्यालय पहुंची और दिनभर जांच की। जांच में कई विवादित फाइलें भी सामने आई हैं, जिनमें से कुछ भूमाफियाओं से संबंधित भी हैं। इनको जब्त करके जांच की जा रही है। मौके पर मौजूद विजय जैन से जानकारी ली जा रही है। शर्मा बताते हैं, एमपी ऑनलाइन के जरिए आम आदमी के छोटे-छोटे काम करना होते हैं। जैसे फार्म भरना, काउंसलिंग संबंधित काम आदि, लेकिन यहां इस तरह का कुछ भी नहीं मिला है।