
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के बाद पुलिस ने नाबालिग को पेश किया
- किशोरी के पिता ने दायर की है बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
इंदौर. विजय नगर क्षेत्र के स्कीम नंबर ७८ में रहने वाली एक १६ वर्ष की नाबालिग किशोरी पिछले २० दिन से लापता थी, पिता द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के चलते बुधवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। जस्सिट एससी शर्मा की कोर्ट में सुनवाई के दौरान किशोरी ने कहा मैं अपने माता पिता के साथ रहना चाहती हैं। एडवोकेट मोहन सिंह चंदेल ने बताया युवती क्षेत्र में ही रहने वाले अजयु उर्फ मुन्न सिंह के साथ चली गई थी। अजय युवती को बहला फुसला के अपने साथ ले गया था और उसके साथ कई बार दुष्कर्म भी किया है। मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने अजय के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। २५ जुलाई को याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस से सात दिन में किशोरी को पेश करने के आदेश दिए थे जिसके तहत क्षेत्रीय सीएसपी उसे लेकर कोर्ट में उपस्थित हुए थे। लसूडिय़ा थाने के टीआई भी कोर्ट में उपस्थित हुए थे।
चंदेल के मुताबिक स्कीम नंबर ७८ में रहने वाली युवती ९ जुलाई २०१७ को घर का सामान लेने गई थी और तभी से वह गायब थी। १० जुलाई को किशोरी के पिता उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लसूडिय़ा थाने में लिखाई थी, बाद में क्षेत्र के युवक अजय उर्फ मुन्न सिंह पर अपहरण का शक जाहिर किया था। पुलिस को कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी। न बेटी को तलाशा जा रहा थई और न ही अजय को तलाशने की कोशिश की जा रही तई। इस पर हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी।
पुलिस ने कोर्ट में नाबालिग किशोरी को पेश किया, बोली माता पिता के साथ रहना है
- जिस युवक के साथ गई थी उसके खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज
Published on:
02 Aug 2018 04:16 am
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