एकेवीएन ने तर्क रखा कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में अनदेखी नहीं की, इसलिए जमीन हमें ही मिले। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस वेद प्रकाश शर्मा की पीठ ने एकेवीएन और किसानों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। जिस जमीन को लेकर विवाद है, उसकी कीमत करीब एक हजार करोड़ रुपए आंकी जा रही है।