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अब AKVN हो गया MPIDC के नाम से शुरू किया काम, भोपाल पहुंचे एमडी के अधिकार

कंपनी नियमों से मुक्त होते ही पूरी केंद्रीयकृत प्रणाली से होगा कामएकेवीएन कार्यक्षेत्र में १२ औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित होंगे वेब साइट भी बदलेगी

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इंदौर

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Lavin Owhal

Dec 22, 2018

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अब AKVN हो गया MPIDC के नाम से शुरू किया काम, भोपाल पहुंचे एमडी के अधिकार


इंदौर.

प्रदेश सरकार एक ओर प्रयास कर रही है, अधिक से अधिक उद्योग प्रदेश में आए। इनको जमीन से ले कर सभी तरह की सुविधाएं आसानी से मिल सकें। वहीं दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और जमीन आवंटन के कार्यों को केंद्रीयकृत करते हुए औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) समाप्त कर दिया गया।अब एकेवीएन मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) के नाम से काम करेंगे। मुख्यालय भोपाल रहेगा, इंदौर में क्षेत्रीय कार्यालय होगा। सरकार के इस बदलाव का असर यह होगा, क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ कार्यकारी निदेशक के पास योजना बनाने और जमीन आवंटन के प्रस्ताव बनाने तक के अधिकार रहेंगे। इनके लिए भोपाल कार्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही काम हो सकेंगे। बता दें, अब तक एकेवीएन एक स्वतंत्र कंपनी की तरह काम कर रहे थे।
पूर्व सरकार द्वारा एक फैसला लेते हुए प्रदेश के सभी एकेवीएन का मर्जर एमपीआइडीसी में करते हुए एक केंद्रीय कार्यालय का गठन किया गया है। एकेवीएन कार्यालय अब निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के रुप में कार्य करेंगे। इसका मुखिया कार्यकारी निदेशक रहेगा। प्रदेश में औद्योगिक कार्यप्रणाली में बड़े स्तर पर किए गए बदलाव का असर औद्योगिक विकास पर होगा। सूत्रों के अनुसार अब क्षेत्रीय कार्यालयों के पास अधिकार सीमित हो जाएंगे। विकास और आवंटन के कार्यों का केंद्रीय करण होगा। एकेवीएन एक कंपनी के तौर पर कार्य करते थे, जिसके चलते एमडी के पास स्वतंत्र रूप से कार्य करने के अधिकार थे। निगम की कार्यशैली के कारण अनेक कार्यों में देरी होगी। इस प्रणाली में योजना तो कार्यालय बनाएंगा, स्वीकृति के लिए भोपाल कार्यालय का इंतजार करना होगा। अनेक मुद्दों पर फाइलें भोपाल जाएंगी, जिससे काम करने में मुश्किल आ सकती है। हांलाकि क्षेत्रों के रखरखाव, लीज रेंट व अन्य शुल्क वसूली का कार्य आरओ के पास ही रहेगा। औद्योगिक संगठनों ने पहले ही इस व्यवस्था का विरोध करते हुए मुख्यालय इंदौर में रखने की मांग की थी।

घाटे में रहेगा इंदौर
विश्लेषकों के अनुसार इंदौर घाटे में रहेगा। विकास कार्यों के लिए बजट का आवंटन सभी स्थानों पर एक समान होगा। स्थानीय आय का इंदौर कार्यालय स्वतंत्र रूप से विकास कार्यों के लिए खर्च नहीं कर सकेंगे। सरकार द्वारा आवंटित बजट क अनुसार ही कार्य करना होगा। जानकारी के अनुसार इंदौर कार्यालय औद्योगिक क्षेत्रो के विकास के लिए अपनी आय के आधार पर ही विकास कर रहा था। इस व्यवस्था में यह प्रभावित होंगे।