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मध्यभारत में अमूल का पहला प्लांट

उज्जैन की विक्रम उद्योग नगरी में लिया भूखंड

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amul india

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पवन सिंह राठौर, इंदौर।
मध्यभारत में अमूल का पहला प्लांट लगने जा रहा है। यहां अमूल करीब सौ करोड़ का निवेश करेगी और तीन लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग होगी और दूध के साथ पनीर, चक्का, पावडर, मक्खन भी निकलेगा। इसके लिए उज्जैन की उद्योग नगरी में अमूल को जमीन आवंटन का पत्र आज जारी कर दिया गया।
अमूल इंडिया के चेयरमैन जेठाभाई अहीर आज इंदौर में थे। उन्होंने एकेवीएन के दफ्तर में उद्योग नगरी में 12 एकड़ का भूखंड आवंटन की प्रक्रिया पूरी की। एकेवीएन एमडी कुमार पुरुषोत्तम ने आवंटन पत्र जारी किया। अमूल का मध्यभारत का यह प्रोजेक्ट कुल मिलाकर काफी बड़ा है, लेकिन शुरुआती दौर में सौ करोड़ का निवेश किया जाएगा। भूखंड आवंटन के साथ ही कंपनी यूनिट निर्माण का काम शुरू करेगी। उज्जैन में इस प्लांट के डलने का सबसे ज्यादा फायदा इंदौर और मालवांचल को मिलेगा, क्योंकि पूरे क्षेत्र में दूध उत्पादन के मामले में इंदौर, रतलाम क्षेत्र ही सबसे ज्यादा प्रभावी हैं।
इंदौर के बारे में पता नहीं था
चेयरमैन से पूछा गया कि उन्होंने इंदौर के बजाय उज्जैन को क्यों चुना, तो उनका जवाब था कि इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र के बारे में उन्हें किसी ने बताया ही नहीं था। उज्जैन की उद्योग नगरी की जानकारी मिली और वे यहां आ गए। जमीन देखी और पसंद आ गया, इसके बाद फायनल कर दिया।
खत्म होगा दुग्ध संघ का एकाधिकार
अमूल इंडिया सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादन सहकारी इकाई है। गुजरात में दुग्ध क्रांति शुरू करने का श्रेय इसी को जाता है। इसके बाद सहकारिता के आधार पर मध्यप्रदेश में भी दुग्ध संघ की स्थापना हुई। लेकिन अमूल का प्रदेश में प्रवेश एक नई दुग्ध क्रांति माना जा रहा है। इसके चलते दुग्ध संघ का एकाधिकार भी खत्म होगा और किसानों को दूध के वाजिब दाम भी मिलेंगे। इंदौर में फिलहाल दुग्ध संघ किसानों से दूध लेता है और दूध के रेट तय करता है। अमूल के आने के बाद दूध के रेट अमूल तय करेगा और काम्पटीशन के चलते दुग्ध संघ भी उसी रेट पर लेने को मजबूर होगा।
बारह सौ एकड़ में है उद्योग नगरी
उज्जैन की विक्रम उद्योग नगरी 1200 एकड़ क्षेत्रफल में फैली हुई है। इसके विकास में ढाई सौ करोड़ खर्च किए गए हैं। यहां बड़ी इकाईयों के लिए ही बड़े भूखंड निकाले गए हैं। तमाम प्रचार-प्रसार के बाद भी भूखंड बिक नहीं पा रहे हैं। अमूल के कदम रखने के बाद अन्य इकाईयां भी आकर्षित होंगी और उद्योग नगरी में बसाहट शुरू हो पाएगी।