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रणबीरसिंह सूदन व पिपाड़ा की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज

ईडी केस : जांच रिपोर्ट के आधार पर ली आपत्ति

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रणबीरसिंह सूदन व पिपाड़ा की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज

रणबीरसिंह सूदन व पिपाड़ा की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज

जमीन की धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आरोपी रणबीर सिंह सूदन, केशव नाचानी, ओमप्रकाश, अशोक पिपाड़ा की अग्रिम जमानत याचिकाएं हाल ही में कोर्ट में खारिज हो गईं। ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर जमानत पर आपत्ति ली गई थी। केस में अन्य लोगों की भूमिका को लेकर ईडी जांच कर रही है। ईडी ने सहकारी संस्था जमीन धोखाधड़ी में दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया व उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद मेें चालान पेश किया, जिसमें दीपक के साथ ही नाचानी, ओमप्रकाश, पिपाड़ा, सूदन, जाकिर, नसीम हैदर, दीपेश जैन के नाम दर्ज हैं।
हालांकि ईडी ने पूर्व में जेल में बंद मद्दा को ही गिरफ्तार किया था। ईडी के विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन के मुताबिक, नाचानी ने विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके पहले ओमप्रकाश, पिपाड़ा व सूदन की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं। ईडी की केस में जांच जारी है, जिसके आगे भी कई तथ्य आएंगे।

दो करोड़ की जमीन खरीदकर लिया 10 करोड़ का लोन

नाचानी की याचिका की सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत पर आपत्ति ली थी। इसमें ईडी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया। बताया कि हैदर से नाचानी ने मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था की ढाई एकड़ जमीन का सौदा 2 करोड़ में किया था। बैंक खाते में 50 लाख रुपए चेक से जमा हुए, जबकि डेढ़ करोड़ रुपए मद्दा को दिए गए। अनधिकृत व्यक्ति से जमीन खरीदी और उस पर बैंक से 10 करोड़ का लोन लेकर जमा नहीं किया। केशव संस्था सदस्य नहीं था। केशव व ओमप्रकाश ने 5 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसकी कीमत 34 करोड़ रुपए थी। केशव ने मद्दा को नकद 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। संस्था के जिस बैंक खाते की जानकारी दी गई, वह उप पंजीयक की अनुमति बिना खोला गया था।

50 लोगों को दिए थे नोटिस

ईडी ने जमीन धोखाधड़ी के मामलेे में कई संस्थाओं को शामिल किया था। करीब 50 लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इनमें से कई की भूमिका की अब भी जांच चल रही है।