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एआइ की मदद से 7वीं के छात्रों ने बना दी टॉय कार

बेकार पड़े सामान का किया उपयोग, मोबाइल से हो सकेगी ऑपरेट

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इंदौर

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Manish Yadav

Aug 05, 2023

एआइ की मदद से 7वीं के छात्रों ने बना दी टॉय कार

एआइ की मदद से 7वीं के छात्रों ने बना दी टॉय कार

मनीष यादव @ इंदौर।

स्कूलों में एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) की शिक्षा शुरू की गई है। इसी का नतीजा है कि 7वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने एआइ की मदद से एक कार बना डाली। यह कर मोबाइल फोन से ऑपरेट हो सकेगी। इस खिलौना कार को आसपास के बेकार पड़े समान से बनाया गया। यह कमाल कर दिखाया है केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 में पढऩे वाले 7वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने। इन विद्यार्थियों ने एआई की कार बनाने के लिए बेकार पड़े समान की मदद ली। उन्होंने लकड़ी के खराब टुकड़े से इसका बेस बनाया। इसके बाद पुराने खिलौने के पाट्र्स का इस्तेमाल किया। बैटरी और इस ऑपरेट करने के लिए लगी चिप नई है। इसके बाद इसे चलाने के लिए अपने शिक्षक की मदद से प्रोग्रामिंग की, फिर इसे मोबाइल फोन से कनेक्ट कर दिया। इस कार के लिए मोबाइल फोन एक रिमोट कंट्रोल की तरह काम करता है। बस उस मोबाइल फोन को ब्लूटूथ की मदद से कार से कनेक्ट करना होता है। इसके बाद इस कार को आराम से दौड़ाया जा सकता है। वोकेशनल कोर्स के तहत पढ़ाया जा रहा-प्राचार्य पीके बेदुये ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय में वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं। इन कोर्स का मकसद यह है कि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ कुछ ऐसा सीख लें, जिसकी मदद से वह अपना काम कर सकें। इसी के चलते विद्यालय में एक लैब बनाई गई है, जहां विद्यार्थी अलग-अलग चीजें बनाना सीखते हैं। यह कार भी इसी लैब में बनाई गई है। इसके अलावा और भी कई कोर्स चल रहे हैं, जिसमें विद्यार्थी अलग-अलग विधाएं सीख रहे हैं। वहीं खेल क्षेत्र में भी विद्यार्थी नाम कमा रहे हैं। उनके विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर तक जाकर खेल रहे हैं।
यह है एआइ-
एआइ तकनीक वे प्रक्रियाएं हैं, जिनका उपयोग कंप्यूटर को मानव जैसी बुद्धिमान गतिविधियों जैसे दृश्य धारणा, भाषण पहचान, निर्णय लेने, प्राकृतिक भाषा समझ आदि को दिखाने में सक्षम बनाने के लिए किया जाता है।
एमपी बोर्ड में इस वर्ष शुरू हुआ एआइ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) एमपी बोर्ड में भी पढ़ाया जा रहा है। इस सत्र से इसकी कक्षाएं लग रही हैं। इसके लिए पहले स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों को स्थानीय शिक्षक कम्प्यूटर पढ़ा रहे हैं। इसके बाद भोपाल से शिक्षक उनकी ऑनलाइन क्लास लेंगे और एआइ के बारे में पढ़ाएंगे, जबकि सीबीएससी में यह कोर्स पहले से ही चल रहा है। यही कारण है कि उनके विद्यार्थी एआइ में बहुत आगे बढ़ गए हैं।