
उम्र के सवाल पर बाबा ने बदला कलेवर
इंदौर। उजले बालों को रंग डालो, बन जाओ गुलफाम... बड़े मियां दीवाने ऐसे ना बनो... किसी फिल्म का ये गीत इन दिनों बाबा यानी महेंद्र हार्डिया पर सटीक बैठ रहा है। हुआ यूं कि विधानसभा क्षेत्र-५ भाजपा में टिकट को लेकर घमासान चल रहा है।
तीन बार के विधायक बाबा के खिलाफ दावेदारों ने उम्र का शगुफा छोड़ा तो उन्होंने अपना कलेवर ही बदल दिया। बालों में डाई-वाई करवाकर उन्होंने उम्र को मात देने की कोशिश की है ताकि कोई उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े न कर सके। सुबह वॉक-वर्जिश तो वे करते ही हैं। ५० हजार से अधिक हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाने वाले हार्डिया की मुख्यमंत्री भी कई बार पीठ थपथपा चुके हैं।
बाबा का मानना है कि इतना काम कराने के बाद न तो जनता उनसे दु:खी है, न संगठन में कोई नाराजगी है। इस निश्चिंतता के आधार पर वे टिकट को लेकर ज्यादा परेशान नहीं थे, लेकिन अचानक कुछ दिनों से माहौल बिगडऩे लग गया। टिकट के दावेदारों ने उनके खिलाफ मैदान तो ठीक संगठन स्तर पर भी बवाल करना शुरू कर दिया। सबसे बड़ा फैक्टर बाबा की उम्र को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है।
कहना है कि बाबा ६७ साल के हो गए हैं और उतनी दमदारी से काम नहीं कर पाते हैं। उनकी कार्यशैली से उम्र झलकने लग गई है। ये बात संगठन के कई नेताओं तक पहुंचाई गई जो घूमकर बाबा तक पहुंच गई। इसको देखकर बाबा ने कलेवर बदल दिया। तुरत-फुरत डाई कर बाल काले कर दिए तो स्पोट्र्स शूज पहनकर घूमना शुरू कर दिया। कुर्ते-पजामा हो या पैंट-शर्ट वे नए जूतों में नजर आ रहे हैं। वहीं, मौका आने पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ता से ज्यादा फुर्ती दिखा रहे हैं।
खड़ी हुई दावेदारों की फौज
पांच नंबर में पांच साल पहले तक दावेदारों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन इस साल थोकबंद नाम हो गए हैं। इसमें से कई नाम तो खासे दमदार हैं जिसमें तीन बार के पार्षद चंदू शिंदे, सभापति अजयसिंह नरुका, संगठन की पसंद मुकेश राजावत, संघ के नानूराम कुमावत, डॉ. दिव्या गुप्ता और दिलीप शर्मा प्रमुख हैं। दावेदारों की बढ़ती संख्या भी बाबा के लिए खतरे की घंटी है।
मुस्लिम बस्ती का विस्तार, संघ नाराज
शहर में सबसे ज्यादा मुस्लिम बस्तियों का विस्तार कहीं हुआ है तो वह पांच नंबर विधानसभा है। खजराना क्षेत्र में बंगाली चौराहा तो दूसरी तरफ बायपास तक मुस्लिम कॉलोनियां हो गईं। इधर एमआर-१० तक विस्तार हो गया। इसको लेकर संघ नेता खासे नाराज हैं और बाबा को दोषी बता रहे हैं। मानना है कि अधिकतर कॉलोनी अवैध हैं, जिसे विधायक होने के नाते बाबा रोक सकते थे।
उन पर कार्रवाई करवा सकते थे। हितग्राहियों के मामले में एक दावेदार ने संघ नेताओं को यहां तक जानकारी दी है कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग को फायदा पहुंचाया गया है। इस वजह से संघ की दृष्टि बाबा पर भी पड़ गई है।
Published on:
30 Oct 2018 10:55 am
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