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रात 3 बजे घोषित हुए अभिभाषक संघ चुनाव के अंतिम परिणाम, संगीता को सर्वाधिक 1642 वोट

- कोर्ट परिसर की पार्र्किंग, नई कैंटिन और जूनियर वकीलों का स्टाय फंड प्राथमिकता : वर्मा

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रात 3 बजे घोषित हुए अभिभाषक संघ चुनाव के अंतिम परिणाम, संगीता को सर्वाधिक 1642 वोट


- अगले एक वर्ष के लिए नई कार्यकारिणी इस सप्ताह ग्रहण करेगी पदभार

इंदौर.
जिला कोर्ट के इंदौर अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनाव का अंतिम परिणाम शुक्रवार रात तीन बजे घोषित किए गए। अध्यक्ष और सचिव सहित पांच पदों के परिणाम तो रात करीब ११.३० बजे ही घोषित कर दिए गए थे, लेकिन कार्यकारिणी सदस्यों के ६ पदों के अंतिम परिणाम रात करीब ३ बजे घोषित किए गए। इन ६ पदों के लिए १० उम्मीदवार मैदान में थे।

इनमें से सबसे अधिक वोट एक मात्र महिला उम्मीदवार संगीता पाटीदार को मिले। उन्हें २६६५ में से १६४२ वोट मिले। दूसरे नंबर पर अक्षय बाजपेयी रहे, जिन्होंने १४९७ वोट हासिल किए। तीसरा स्थान १२२३ वोट के साथ कौशल सिंह ने हासिल किया। सौरभ गौड़ (१२०९) चौथे और सचिन कुमार व्यास (१११५) पांचवां स्थान हासिल करने में कामयाब रहे। १११० वोट के साथ अरुण मीणा ने छठवां स्थान हासिल किया। देर रात फाइनल परिणाम घोषित होने के बाद कोर्ट परिसर में जमकर जश्न मनाया गया है। नए सचिव कपिल बिरथरे ने बताया, इस सप्ताह नई कार्यकारिणी पदभार ग्रहण करेगी। संभवत: मंगलवार या बुधवार को चार्ज लिया जाएगा।

सचिव की सबसे बड़ी जीत
इंदौर अभिभाषक संघ के चुनाव में सचिव पद पर कपिल बिरथरे ने सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने ११२० वोट हासिल कर अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी गोविंद आर मीणा (४०५) को ८१५ वोटों से पराजित किया। यह चुनाव की सबसे बड़ी जीत रही। सचिव पद के अन्य उम्मीदवार श्रीराम भदौरिया को ३९३, राकेश पाल को ३०८, हिरेश पांडे को २५४ वोट मिले।

पार्र्किंग, जूनियरों को स्टायफंड प्राथमिकता: वर्मा (फोटो लाइब्रेरी)

अभिभाषक संघ के नए अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा ने जीत के बाद कहा, हमारी प्राथमिकता जिला कोर्ट परिसर की अव्यवस्थित पार्र्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करना है। इसके अलावा जूनियर वकीलों को सरकार और राज्य अधिवक्ता परिषद के माध्यम से स्टाय फंड शुरू कराना है। जिला कोर्ट में प्रतिदिन सैकड़ों वकील आते हैं, लेकिन यहां उनके खाने-पीने के लिए व्यवस्थित कैंटिन नहीं है। हम जल्द से जल्द कैंटिन शुरू कराएंगे। बार या तो खुद इसका संचालन करेगा या किसी निजी संस्था को जिम्मेदारी दी जाएगी। वकीलों की मौत के बाद उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि भी कम से कम ५० हजार रुपए कराने का प्रयास किया जाएगा। वकीलों की परेशानियों को लेकर एक १५ लोगों की कोर टीम बनाई जाएगी, जो जरूरत के मुताबित तुरंत मौके पर पहुंचकर उनको और उनके परिजन की परेशानी का निराकरण करेगी। जिला कोर्ट भवन की शिफ्टिंग के मुद्दे पर भी वकीलों की राय लेकर प्रयास किए जाएंगे।