
bba bca admission fee hike in mp (फोटो सोर्स-Image by freepik)
bba bca admission fee hike: तकनीकी शिक्षा विभाग ने बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन इसकी पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। 25 जून से शुरू हुई चॉइस फिलिंग में दिक्कत यह है कि पोर्टल पर कॉलेजवार सीटों की संख्या और फीस स्ट्रक्चर सार्वजनिक नहीं किया है। कई कॉलेजों को अभा तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता नहीं मिलने से भी विद्यार्थियों के सामने विकल्प सीमित हैं। काउंसलिंग का शेड्यूल संशोधित कर दिया था, इसके बावजूद समय रहते आवश्यक जानकारियां अपडेट नहीं की गई। (mp news)
इस साल चॉइस फिलिंग से पहले ही विद्रद्यार्थियों से 1530 रुपए शुल्क वसूला जा रहा है। इसमें 400 रुपए काउंसलिंग फीस, 1000 रुपए आंशिक शिक्षण शुल्क (जो बाद में संबंधित कॉलेज में समायोजित किया जाएगा) और 130 रुपए एमपी ऑनलाइन शुल्क शामिल है।
पिछले वर्षों में जब विभाग इन पाठ्यक्रमों की काउंसलिंग करता था तो केवल रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती थी, वो भी महज 150 रुपए। इस बार अन्य यूजी कोर्सेस के लिए भी सिर्फ 100 रुपए शुल्क लिया जा रहा है, जबकि बीबीए और बीसीए में शुरुआत में ही 15 गुना ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। छात्राओं को पहले चरण में शुल्क मुक्त रखा है, लेकिन दूसरे चरण में रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी।
जिले के 40 कॉलेजों में बीबीए और बीसीए की 20 हजार से ज्यादा सीटें हैं। अब तक न तो डीटीई पोर्टल पर कॉलेजवार सीटों की जानकारी है और न एडमिशन एंड फी रेगुलेटरी कमेटी (एएफआरसी) की वेबसाइट पर कॉलेजों की फीस सार्वजनिक की है। सबसे बड़ी परेशानी विद्यार्थियों के सामने चॉइस फिलिंग की है। इसमें 25 कॉलेज भरने पड़ रहे हैं। कुछ स्पेशलाइजेशन ऐसे हैं जो 25 कॉलेजों में संचालित ही नहीं है, ऐसे में विद्याथियों को मजबूरन दूसरे जिलों के कॉलेजों का चुनाव करनापड़ रहा है।
डीटीई के पास जितने भी कॉलेजों ने काउंसलिंग में भाग लेने के लिए आवेदन किया है, उनके दस्तावेज का सत्यापन अधूरे हैं। कुछ कॉलेजों की सीटें एआइसीटीई ने तो पास कर दी है, लेकिन डीएवीवी में अटकी है। स्थिति साफ न होने से विद्यार्थी तय नहीं कर पा रहे कि किस कॉलेज में आवेदन करें। विशेषज्ञ डॉ. अनस इकबाल का कहना है कि चॉइस फिलिंग में विद्यार्थियों को बहुत परेशानी हो रही है। 25 कॉलेजों का चुनाव करना विद्याथियों के लिए मुश्किल है। डीटीई को इसमें बदलाव कर प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए।
Published on:
29 Jun 2025 01:38 pm
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